छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की जापान और दक्षिण कोरिया की दस दिवसीय यात्रा ने राज्य के औद्योगिक और आर्थिक भविष्य को नई दिशा दी है। टोक्यो और ओसाका में जापान एक्सटर्नल ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (JETRO) सहित कई प्रमुख उद्योगपतियों से मुलाकात कर उन्होंने छत्तीसगढ़ को निवेश के आकर्षक गंतव्य के रूप में प्रस्तुत किया। उनकी नई औद्योगिक नीति 2024-30 के तहत आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स, क्लीन एनर्जी और फूड प्रोसेसिंग जैसे क्षेत्रों में निवेश के अवसरों पर जोर दिया गया। यह यात्रा छत्तीसगढ़ को खनिज और धान से आगे बढ़ाकर सेमीकंडक्टर और फार्मा जैसे उच्च तकनीकी क्षेत्रों में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
मुख्यमंत्री साय ने इस दौरे में बस्तर जैसे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रोजगार और स्वरोजगार के अवसर बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया। उनकी रणनीति के तहत यदि निवेश संबंधी सहमतियों को लागू किया गया, तो बस्तर के युवाओं को रोजगार के नए रास्ते मिलेंगे, जिससे नक्सलवाद के खिलाफ सामाजिक और आर्थिक लड़ाई को बल मिलेगा। साय ने स्पष्ट किया कि उद्योगों के माध्यम से विकास और रोजगार नक्सल समस्या के समाधान का आधार बन सकते हैं। उनकी यह पहल छत्तीसगढ़ को नवाचार और वैश्विक साझेदारी का केंद्र बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
सरल नियमों और स्किल डेवलपमेंट पर जोर
नई औद्योगिक नीति के तहत समयबद्ध सेवाओं, सरल नियमों और स्किल डेवलपमेंट पर जोर दिया गया है, जो निवेशकों के साथ-साथ स्थानीय लोगों के लिए भी लाभकारी होगा। नीति में महिलाओं के लिए सुरक्षित कार्य वातावरण और युवाओं के लिए कौशल विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है। मुख्यमंत्री का कहना है कि यह नीति न केवल निवेश आकर्षित करेगी, बल्कि आम लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में भी मदद करेगी। यह कदम छत्तीसगढ़ को ‘विकसित भारत 2047’ के सपने से जोड़ने की दिशा में एक मजबूत प्रयास है।
वैश्विक औद्योगिक मानचित्र पर स्थापित
यह विदेश यात्रा राजनीतिक और सामाजिक रूप से ऐतिहासिक मानी जा रही है, क्योंकि यह छत्तीसगढ़ को वैश्विक औद्योगिक मानचित्र पर स्थापित करने की नींव रखती है। निवेश और उद्योगों के जरिए न केवल राज्य बल्कि पूरे देश को लाभ होगा। मुख्यमंत्री साय की यह रणनीति बस्तर जैसे क्षेत्रों में रोजगार की बहार लाने के साथ-साथ छत्तीसगढ़ को तकनीक और विकास का नया हब बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।





