छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने गुरुवार को मंत्रालय महानदी भवन में जल संसाधन विभाग की लंबित परियोजनाओं की गहन समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि अधूरी जल परियोजनाओं को शीघ्रता से पूर्ण किया जाए और निर्माण कार्यों की गति बढ़ाने के लिए ठोस रणनीति अपनाई जाए।
2015 से पहले की परियोजनाएं होंगी प्राथमिकता में
मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक में विशेष रूप से वर्ष 2015 से पूर्व की अपूर्ण जल परियोजनाओं की प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि इन सभी निर्माण कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए। सीएम साय ने कहा,
“छत्तीसगढ़ किसानों का राज्य है। जल परियोजनाओं के अधूरे रहने से सिंचाई क्षमता प्रभावित होती है, जिससे कृषकों को योजनाओं का पूरा लाभ नहीं मिल पाता।”
किसान होंगे लाभान्वित
मुख्यमंत्री ने यह भी रेखांकित किया कि जल परियोजनाओं के पूर्ण होने से सिंचित रकबा बढ़ेगा, कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी और किसानों की आय में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि यह सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है और इस दिशा में किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी।
पावर पॉइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से जानकारी
बैठक में जल संसाधन विभाग के सचिव राजेश सुकुमार टोप्पो ने पावर पॉइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से राज्य में संचालित विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने लंबित परियोजनाओं की वर्तमान स्थिति से भी मुख्यमंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया।
बैठक में ये लोग रहे मौजूद
इस अहम बैठक में जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, सचिव पी. दयानंद, सचिव राहुल भगत, संयुक्त सचिव डॉ. रवि मित्तल, जल संसाधन विभाग के प्रमुख अभियंता इंद्रजीत उईके समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।





