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Tue, Dec 16, 2025

सीएम विष्णुदेव साय ने नवा रायपुर में करमा तिहार में लिया हिस्सा, आदिवासी संस्कृति को बताया अमूल्य धरोहर

Written by:Saurabh Singh
Published:
आदिवासी संस्कृति में विभिन्न प्रकार के करमा तिहार मनाए जाते हैं, जिनमें एकादशी करमा कुंवारी बेटियों का पर्व है। इस दौरान बेटियां भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा कर उत्तम वर और सुखी गृहस्थ जीवन की कामना करती हैं।
सीएम विष्णुदेव साय ने नवा रायपुर में करमा तिहार में लिया हिस्सा, आदिवासी संस्कृति को बताया अमूल्य धरोहर

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने नवा रायपुर स्थित अपने निवास पर छत्तीसगढ़ आदिवासी कंवर समाज युवा प्रभाग द्वारा आयोजित प्रकृति पर्व भादो एकादशी व्रत-2025 करमा तिहार कार्यक्रम में हिस्सा लिया। उन्होंने पारंपरिक विधान से पूजा-अर्चना कर कार्यक्रम की शुरुआत की और कहा कि आदिवासी संस्कृति हमारे पूर्वजों की अमूल्य धरोहर है। इस संस्कृति को जीवित रखना हमारा नैतिक कर्तव्य है, क्योंकि ऐसे पर्व समाज में स्नेह, सद्भाव और सौहार्द को बढ़ाते हैं। उन्होंने कंवर समाज के युवाओं द्वारा इस आयोजन को राजधानी में करने पर प्रसन्नता जताई।

सीएम साय ने बताया कि आदिवासी संस्कृति में विभिन्न प्रकार के करमा तिहार मनाए जाते हैं, जिनमें एकादशी करमा कुंवारी बेटियों का पर्व है। इस दौरान बेटियां भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा कर उत्तम वर और सुखी गृहस्थ जीवन की कामना करती हैं। इसके अलावा, दशहरा करमा में विवाह के बाद मायके आने वाली बेटियां उपवास रखती हैं, जबकि जियुत पुत्रिका करमा में माताएं अपने बच्चों की लंबी आयु के लिए 24 घंटे बिना अन्न-जल के व्रत रखती हैं। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में छत्तीसगढ़ के आदिवासी समाज के योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि नया रायपुर के ट्राइबल म्यूजियम में आदिवासी क्रांतिकारियों की स्मृति को संरक्षित किया जाएगा, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।

आदिवासी संस्कृति अत्यंत समृद्ध और गौरवशाली

वन मंत्री केदार कश्यप ने कार्यक्रम में कहा कि छत्तीसगढ़ की आदिवासी संस्कृति अत्यंत समृद्ध और गौरवशाली है, और करमा तिहार इसका जीवंत उदाहरण है। उन्होंने मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में बस्तर पांडुम जैसे आयोजनों के जरिए संस्कृति संरक्षण के प्रयासों की सराहना की। सीएम की पत्नी कौशिल्या साय ने प्रकृति और आदिवासी समाज के अटूट रिश्ते पर जोर देते हुए कहा कि करमा पर्व प्रकृति प्रेम का प्रतीक है। उन्होंने महिलाओं से संस्कृति संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया और सभी को शुभकामनाएं दीं।

राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय संस्थानों की स्थापना

सीएम साय ने आदिवासी सशक्तिकरण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा आदिवासी मंत्रालय की स्थापना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पीएम जनमन योजना का उल्लेख किया, जो आदिवासी विकास को गति दे रही हैं। उन्होंने नई उद्योग नीति के तहत बस्तर और सरगुजा में विशेष रियायतों और शिक्षा के लिए राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय संस्थानों की स्थापना की बात भी कही। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, स्कूल शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव, रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।