पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी के विरोध में कांग्रेस अब सड़कों पर उतरने वाली है। ईडी की कार्रवाई को राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित बताते हुए कांग्रेस ने 22 जुलाई को पूरे प्रदेश में दो घंटे की आर्थिक नाकेबंदी का ऐलान किया है। यह फैसला शनिवार को कांग्रेस की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी (PAC) और विधायकों की बैठक में लिया गया। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज, नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत, वरिष्ठ नेता सत्यनारायण शर्मा, अमरजीत भगत, शिव डहरिया, कवासी लखमा सहित कई विधायक और संगठन पदाधिकारी मौजूद रहे। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि भाजपा सरकार अडानी को जल, जंगल, जमीन लूटने की छूट दे रही है और उसके विरोध में आवाज उठाने वालों को ईडी का सहारा लेकर डराया जा रहा है।
22 को बंद का ऐलान
बैठक में तय किया गया कि 22 जुलाई को दोपहर 12 से 2 बजे तक प्रदेश के सभी राष्ट्रीय राजमार्गों, जिलों और प्रमुख शहरों में कांग्रेस कार्यकर्ता चक्का जाम करेंगे। इसे “अडानी के लूट के खिलाफ आर्थिक नाकेबंदी” का नाम दिया गया है।
भाजपा और ईडी का पुतला दहन
शनिवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सभी जिलों में भाजपा सरकार और ईडी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। जगह-जगह पुतला दहन किया गया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि ईडी भाजपा की एजेंसी बनकर काम कर रही है। वह विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए इस्तेमाल की जा रही है।
शुक्रवार को हुई गिरफ्तारी
छत्तीसगढ़ में चल रहे शराब घोटाले, कोल घोटाले और महादेव ऐप केस की जांच में ईडी लगातार सक्रिय है। इसी कड़ी में शुक्रवार सुबह ईडी की टीम ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल के रायपुर स्थित आवास पर छापा मारा। पूछताछ के बाद उनके बेटे चैतन्य बघेल को गिरफ्तार किया गया और कोर्ट से पांच दिन की रिमांड पर भेजा गया। इससे पहले 10 मार्च को भी ईडी ने बस्तर, भिलाई और रायपुर में दबिश दी थी। यह कार्रवाई भूपेश बघेल, कारोबारी पप्पू बंसल, दीपेन चावड़ा समेत अन्य लोगों के ठिकानों पर की गई थी।
कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि वह इस मामले में चुप नहीं बैठने वाली और सड़कों पर उतरकर पूरी ताकत से विरोध करेगी।





