छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले को लेकर ईडी की कार्रवाई और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी के विरोध में कांग्रेस ने मंगलवार (22 जुलाई) को राज्यव्यापी चक्काजाम किया। रायपुर समेत प्रदेश के तमाम जिलों में कांग्रेस कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे, नारेबाज़ी की और आर्थिक नाकेबंदी की। लेकिन इस दौरान खुद कांग्रेस के भीतर टकराव देखने को मिला।
कांग्रेस का चक्काजाम
रायपुर में चक्काजाम के दौरान कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला और जिला कांग्रेस अध्यक्ष गिरीश दुबे के बीच तीखी बहस हो गई। दोनों नेताओं के बीच कहासुनी का वीडियो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। वीडियो में दोनों एक-दूसरे से भिड़ते और बहस करते साफ देखे जा सकते हैं। मौके पर मौजूद पार्टी कार्यकर्ताओं ने बीच-बचाव कर मामला शांत कराया।
बीजेपी बोली,कांग्रेस में गुटबाजी चरम पर
इस वीडियो को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस पर सीधा हमला बोला है। बीजेपी ने इसे कांग्रेस के भीतर की गुटबाजी करार दिया और कहा कि अब ये आपसी मतभेद सड़कों पर दिखने लगे हैं। बीजेपी नेताओं ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा,
“कांग्रेस के अंदर अनुशासन की हमेशा से कमी रही है। अब तो सार्वजनिक जगहों पर पार्टी के नेता एक-दूसरे से उलझने लगे हैं। इससे साफ है कि नेतृत्व की पकड़ कमजोर होती जा रही है।”
चैतन्य की गिरफ्तारी से कांग्रेस पर बढ़ा दबाव
ये घटनाक्रम ऐसे समय पर हुआ है जब कांग्रेस खुद को घिरा पा रही है। एक ओर ईडी की कार्रवाई, दूसरी ओर चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी और फिर अब पार्टी नेताओं की सड़क पर भिड़ंत। पहले ही राज्य के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, कई वरिष्ठ आईएएस अफसरों और नेताओं के खिलाफ जांच जारी है। चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी ने पार्टी को और डिफेंसिव मोड में डाल दिया है। कुल मिलाकर, कांग्रेस जहां इस पूरे मामले को राजनीतिक साजिश बताकर सरकार और ईडी पर निशाना साध रही है, वहीं आंतरिक कलह उसके लिए नई मुश्किलें खड़ी कर रही है। और ये सब कैमरे में कैद होकर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।





