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Tue, Dec 16, 2025

कांग्रेस आज करेगी वन मंत्री केदार कश्यप के बंगले का घेराव, बर्खास्तगी की मांग को लेकर रायपुर में प्रदर्शन

Written by:Saurabh Singh
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मंत्री केदार कश्यप ने इन आरोपों को सिरे से नकारते हुए इन्हें बेबुनियाद बताया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भी इस मामले को कांग्रेस की राजनीतिक साजिश करार दिया है। उन्होंने कहा कि बार-बार चुनावी हार से त्रस्त कांग्रेस जनता के बीच भ्रम फैलाने की कोशिश कर रही है।
कांग्रेस आज करेगी वन मंत्री केदार कश्यप के बंगले का घेराव, बर्खास्तगी की मांग को लेकर रायपुर में प्रदर्शन

छत्तीसगढ़ में वन मंत्री केदार कश्यप पर एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के साथ कथित मारपीट का आरोप लगने से राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। जगदलपुर में हुई इस घटना में कर्मचारी का दावा है कि सर्किट हाउस में दरवाजा नहीं खोलने की बात पर मंत्री ने उनके साथ मारपीट की और अपमानजनक भाषा का उपयोग किया। इस मामले ने तूल पकड़ लिया है, जिसके चलते कांग्रेस पार्टी ने आज, सोमवार को रायपुर में विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है। पार्टी मंत्री के बंगले का घेराव कर उनकी बर्खास्तगी की मांग करेगी।

कर्मचारी ने मीडिया के सामने अपनी आपबीती साझा करते हुए बताया कि मंत्री ने न केवल उनके साथ शारीरिक हिंसा की, बल्कि मां की गाली भी दी। इस घटना के बाद कांग्रेस ने इसे सरकार के खिलाफ बड़ा मुद्दा बनाया है। आज दोपहर 12 बजे रायपुर के गांधी मैदान स्थित कांग्रेस भवन से कार्यकर्ता और नेता वन मंत्री के बंगले की ओर कूच करेंगे। कांग्रेस का कहना है कि इस तरह का व्यवहार अस्वीकार्य है और मंत्री को तुरंत पद से हटाया जाना चाहिए।

कांग्रेस की राजनीतिक साजिश

मंत्री केदार कश्यप ने इन आरोपों को सिरे से नकारते हुए इन्हें बेबुनियाद बताया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भी इस मामले को कांग्रेस की राजनीतिक साजिश करार दिया है। उन्होंने कहा कि बार-बार चुनावी हार से त्रस्त कांग्रेस जनता के बीच भ्रम फैलाने की कोशिश कर रही है। सीएम ने इस मामले में निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया है, लेकिन इसे राजनीतिक रंग देने से इनकार किया है।

प्रदेश में सियासी सरगर्मी चरम पर

यह विवाद छत्तीसगढ़ की सियासत में नया तनाव पैदा कर सकता है। कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति अपना रही है, जबकि सत्ताधारी दल इसे विपक्ष की हताशा का परिणाम बता रहा है। इस घटना के कानूनी और राजनीतिक परिणाम क्या होंगे, यह देखना बाकी है, लेकिन फिलहाल प्रदेश में सियासी सरगर्मी चरम पर है।