दिल्ली से लौटते ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) अध्यक्ष दीपक बैज ने छत्तीसगढ़ के वन मंत्री केदार कश्यप पर सीधा हमला बोला है। दीपक बैज ने चुनौती दी है कि यदि मंत्री को लगता है कि राज्य में आदिवासियों का विकास हो रहा है। वे उनके साथ हसदेव, तमनार, बैलाडीला और कोरंडम खदान क्षेत्रों का दौरा करें। वहां के आदिवासियों से खुद जाकर बात करें।
दीपक बैज ने तीखा बयान देते हुए कहा, “वन मंत्री वहां जाएंगे और सच सुनेंगे, तो उनकी पैंट गीली हो जाएगी। अगर आपको लगता है कि आदिवासियों का विकास हुआ है, तो चलिए मेरे साथ, फिर खुद समझ आ जाएगा कि विकास हुआ है या विनाश।”
केदार कश्यप जी मेरे साथ चलिए तमनार.. चलिए हसदेव या चलिए बस्तर… है हिम्मत ? pic.twitter.com/D0LcMU9wYz
— Deepak Baij (@DeepakBaijINC) July 15, 2025
कुर्सी पर बने रहने का अधिकार नहीं
दीपक बैज ने आरोप लगाया कि वन मंत्री होने के बावजूद राज्य में जंगलों की कटाई जारी है। उन्होंने कहा, “आप आदिवासियों के लिए काम नहीं कर सकते। इस कुर्सी पर बने रहने का आपको कोई अधिकार नहीं है। कई आदिवासी युवा बेरोजगार हैं, जिन्हें नौकरी नहीं मिल रही है। आपकी जगह अब वही लोग उस कुर्सी पर बैठेंगे जो सच में आदिवासियों के लिए काम करेंगे।”
वन मंत्री से पूछे 7 तीखे सवाल
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने वन मंत्री कश्यप से कई गंभीर सवाल पूछे-
- 16 साल 8 महीने सत्ता में रहने के बाद आदिवासियों के लिए क्या किया?
- 3500 स्कूल क्यों बंद किए, और अब 10,463 स्कूल आदिवासी इलाकों में बदहाल क्यों हैं?
- बस्तर के हजारों आदिवासियों को फर्जी नक्सली केस में जेल भेजा गया, उस वक्त आप कहां थे?
- फर्जी एनकाउंटर के दौरान आदिवासियों की मौतें हुईं, आपने क्या कार्रवाई की?
- बोधघाट परियोजना से विस्थापित होने वाले 42 गांवों का क्या होगा?
- बीजापुर में मारे गए आदिवासी रसोइए महेश कुडियाम पर आपकी सरकार चुप क्यों है?
- तेंदूपत्ता संग्राहकों के पैसे और बीमा योजना के बंद होने पर आपने कुछ क्यों नहीं कहा?
“बेतुके सवाल ना करें बैज”
दीपक बैज के इन सवालों पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी ने कहा कि दीपक बैज अपने कार्यकाल का हिसाब देने की बजाय बेतुके सवाल पूछ रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के शासनकाल में भी आदिवासी पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। राज्यसभा में तीन सांसद चुने, पर एक भी आदिवासी चेहरा नहीं चुना गया। आदिवासी छात्रावासों में बच्चियों के साथ दुष्कर्म के मामले सामने आए।
चिमनानी ने कहा, “बैज जी, पहले अपने गिरेबां में झांकिए और कांग्रेस के समय हुए अन्याय का हिसाब दीजिए।”
राहुल गांधी की बैठक पर भी उठे सवाल
सोमवार को राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के आदिवासी नेताओं से मुलाकात की थी। इस पर वन मंत्री केदार कश्यप ने दीपक बैज से पूछा कि “क्या आप राहुल गांधी से यह पूछने की हिम्मत कर पाए कि भूपेश सरकार के दौरान राज्यसभा की तीनों सीटों पर छत्तीसगढ़ के आदिवासियों को क्यों नजरअंदाज किया गया?”
इसके अलावा कहा कि बस्तर और सरगुजा में हो रहे धर्मांतरण पर राहुल गांधी ने कोई सख्त रुख क्यों नहीं अपनाया? चरण पादुका योजना जैसे आदिवासी हित के कार्यक्रम बंद क्यों हुए? केदार कश्यप ने कांग्रेस नेताओं पर आदिवासियों के नाम पर “पाखंड” करने का आरोप लगाया। उन्होंने आगे कहा कि दीपक बैज दिल्ली जाकर सिर्फ ‘सर नमस्ते’ करके लौट आए।





