MP Breaking News
Wed, Dec 17, 2025

छत्तीसगढ़: डिप्टी सीएम अरुण साव ने अचानक रतनपुर-पेंड्रा सड़क का निरीक्षण किया, निर्माण में देरी पर जताई नाराजगी

Written by:Saurabh Singh
Published:
निरीक्षण के दौरान डिप्टी सीएम सड़क पर खुद जमीन पर बैठ गए और निर्माण की गुणवत्ता की जांच की। उन्होंने अधिकारियों से यह भी जानकारी ली कि सड़क निर्माण में किन-किन सामग्रियों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़: डिप्टी सीएम अरुण साव ने अचानक रतनपुर-पेंड्रा सड़क का निरीक्षण किया, निर्माण में देरी पर जताई नाराजगी

छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री और लोक निर्माण विभाग (PWD) मंत्री अरुण साव ने सोमवार को गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने अचानक अपने काफिले को रुकवाकर रतनपुर से पेंड्रा तक बन रही नेशनल हाईवे सड़क का औचक निरीक्षण किया।

निरीक्षण के दौरान अरुण साव ने निर्माण कार्य में हो रही देरी पर नाराजगी जताई और मौके पर मौजूद लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को फटकार लगाई। उन्होंने कहा, “अगर किसी प्रकार की दिक्कत है तो समय रहते अवगत कराएं, लेकिन निर्माण कार्य में देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”

खुद जमीन पर बैठकर जांची गुणवत्ता

निरीक्षण के दौरान डिप्टी सीएम सड़क पर खुद जमीन पर बैठ गए और निर्माण की गुणवत्ता की जांच की। उन्होंने अधिकारियों से यह भी जानकारी ली कि सड़क निर्माण में किन-किन सामग्रियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं होना चाहिए।

संकेतक बोर्ड लगाने के निर्देश

अरुण साव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि निर्माणाधीन सड़क पर यात्रियों की सुविधा के लिए जगह-जगह संकेतक बोर्ड लगाए जाएं। साथ ही पुल निर्माण कार्य को भी तय समयसीमा में पूरा करने को कहा।

पहले भी कर चुके हैं औचक निरीक्षण

यह पहला मौका नहीं है जब अरुण साव ने अपने विभाग के कार्यों का अचानक निरीक्षण किया हो। इससे पहले भी वे कई बार विभागीय कार्यों की स्थिति जानने के लिए अचानक स्थल निरीक्षण कर चुके हैं। हर बार उन्होंने अधिकारियों को सख्त हिदायतें दी हैं कि गुणवत्ता, समयबद्धता और पारदर्शिता से कोई समझौता नहीं होना चाहिए।

डिप्टी सीएम की सक्रियता पर चर्चा

अरुण साव की इस सक्रियता को लेकर राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा है। सड़क निरीक्षण के इस अंदाज़ को लोग गंभीर प्रशासनिक निगरानी के तौर पर देख रहे हैं, जिससे यह संदेश गया कि सरकार निर्माण कार्यों में किसी तरह की लापरवाही नहीं सहेगी।