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Sat, Dec 20, 2025

शराब घोटाले में ईडी की गिरफ्त में भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य, पूर्व सीएम बोले, “जो भी बोलेगा, उसका हाल मेरे बेटे जैसा होगा”

Written by:Saurabh Singh
Published:
प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया है कि चैतन्य बघेल को शराब घोटाले से करीब 16.70 करोड़ रुपये की आपराधिक कमाई हुई।
शराब घोटाले में ईडी की गिरफ्त में भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य, पूर्व सीएम बोले, “जो भी बोलेगा, उसका हाल मेरे बेटे जैसा होगा”

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल इस वक्त प्रवर्तन निदेशालय (ED) की हिरासत में हैं। दो दिन पहले उन्हें कथित शराब घोटाले के मामले में गिरफ्तार किया गया था। रविवार को भूपेश बघेल उनसे मिलने रायपुर स्थित ईडी कार्यालय पहुंचे। 30 मिनट की मुलाकात के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत में केंद्र सरकार और अडानी समूह पर तीखा हमला बोला।

भूपेश बघेल ने कहा,

“मेरे बेटे के खिलाफ कोई मामला नहीं है। यह गिरफ्तारी अडानी के खिलाफ उठने वाली किसी भी आवाज को दबाने की कोशिश है। जो भी अडानी समूह के खिलाफ बोलेगा, उसका हश्र मेरे बेटे जैसा होगा।”

चैतन्य की भूमिका

प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया है कि चैतन्य बघेल को शराब घोटाले से करीब 16.70 करोड़ रुपये की आपराधिक कमाई हुई। ईडी ने एक विशेष अदालत में दाखिल रिमांड याचिका में कहा है कि चैतन्य ने इस राशि को प्राप्त करने, रखने, छिपाने, ट्रांसफर करने, इस्तेमाल करने और बेदाग दिखाने में सक्रिय भूमिका निभाई है। जांच में पता चला है कि चैतन्य की दो फर्मों को मैसर्स सहेली ज्वेलर्स से करीब 5 करोड़ रुपये का ट्रांसफर हुआ। इन फंड्स के संबंध में लक्ष्मीनारायण बंसल उर्फ पप्पू ने ईडी को बताया कि यह रकम शराब घोटाले से पैदा हुई नकदी के बदले ट्रांसफर की गई थी।

ईडी की रिमांड याचिका के मुताबिक, सहेली ज्वेलर्स से लिए गए 5 करोड़ रुपये पर न तो कोई ब्याज दिया गया, और न ही पूरी रकम वापस की गई है। करीब 4.5 करोड़ रुपये अभी भी लंबित हैं। ईडी का कहना है कि यह पूरा लेन-देन नकद में हुए समान राशि के बदले में किया गया।

1000 करोड़ की लेनदेन में सहयोग

ईडी ने दावा किया है कि शराब घोटाले से पैदा हुई 1000 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी के लेन-देन में चैतन्य बघेल की अहम भूमिका रही है। लक्ष्मीनारायण बंसल ने अपने बयान में स्वीकार किया है कि उन्होंने चैतन्य के समन्वय से यह लेन-देन किया। बंसल ने यह भी बताया कि उन्होंने शराब कारोबारी अनवर ढेबर से यह राशि इकठ्ठा की और चैतन्य की मदद से कांग्रेस नेता राम गोपाल अग्रवाल तक पहुंचाई। इतना ही नहीं, बंसल ने चैतन्य के निर्देश पर के. के. श्रीवास्तव को भी करीब 80-100 करोड़ रुपये नकद दिए थे।

PMLA के तहत दर्ज है मामला

यह पूरा मामला प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत दर्ज किया गया है। ईडी का कहना है कि चैतन्य बघेल आपराधिक आय के लेन-देन में न सिर्फ शामिल रहे, बल्कि उन्होंने इसके संचालन और वितरण की पूरी योजना में सक्रिय भागीदारी निभाई।