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Sun, Dec 21, 2025

भूपेश बघेल के घर छापा, बेटा चैतन्य बघेल गिरफ्तार, 2100 करोड़ के शराब घोटाले में कार्रवाई

Written by:Saurabh Singh
Published:
यह छापेमारी चैतन्य बघेल के खिलाफ की गई, जिन पर आरोप है कि उन्होंने कथित शराब घोटाले से अवैध धन प्राप्त किया। ईडी को हाल ही में कुछ नए डिजिटल और वित्तीय सबूत मिले थे, जिसके आधार पर यह कार्रवाई की गई।
भूपेश बघेल के घर छापा, बेटा चैतन्य बघेल गिरफ्तार, 2100 करोड़ के शराब घोटाले में कार्रवाई

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। शुक्रवार को ईडी ने दुर्ग जिले के भिलाई स्थित उनके आवास पर छापेमारी की और उनके बेटे चैतन्य बघेल को गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई राज्य में कथित 2100 करोड़ रुपये के शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस के तहत की गई।

चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी

सूत्रों के मुताबिक, यह छापेमारी चैतन्य बघेल के खिलाफ की गई, जिन पर आरोप है कि उन्होंने कथित शराब घोटाले से अवैध धन प्राप्त किया। ईडी को हाल ही में कुछ नए डिजिटल और वित्तीय सबूत मिले थे, जिसके आधार पर यह कार्रवाई की गई। बता दें कि भूपेश बघेल और उनके बेटे चैतन्य बघेल एक साथ भिलाई स्थित घर में रहते हैं।इससे पहले ईडी ने 10 मार्च को भी भूपेश बघेल के घर पर छापा मारा था। उस दौरान ईडी को कैश और डिजिटल डिवाइसेज़ में कुछ अहम सुराग हाथ लगे थे। उन्हीं सबूतों के आधार पर एजेंसी ने दोबारा कार्रवाई करते हुए शुक्रवार को चैतन्य बघेल को गिरफ्तार किया।

क्या है शराब घोटाला मामला?

ईडी के अनुसार, छत्तीसगढ़ में यह घोटाला साल 2019 से 2022 के बीच हुआ, जब राज्य में भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार थी। इस दौरान आबकारी विभाग के अधिकारियों, नेताओं और कारोबारियों के एक गिरोह ने अवैध रूप से शराब बेचकर करीब 2100 करोड़ रुपये की हेराफेरी की। इस केस में ईडी पहले ही कई बड़े चेहरों को गिरफ्तार कर चुकी है, जिनमें पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, रायपुर के महापौर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर, पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा और भारतीय दूरसंचार सेवा (आईटीएस) के अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी शामिल हैं।

नई FIR और बढ़ती जांच

हालांकि 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने ईडी की पहली FIR को रद्द कर दिया था, जो आयकर विभाग की शिकायत पर आधारित थी। इसके बाद ईडी ने नए सबूतों के आधार पर छत्तीसगढ़ के आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) और भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) से शिकायत के बाद नई FIR दर्ज की। इस नई FIR में 70 लोगों और कंपनियों के नाम हैं, जिनमें कई बड़े नेता और अधिकारी शामिल हैं।

3200 करोड़ का घोटाला!

ईडी की हालिया चार्जशीट के मुताबिक, यह घोटाला 2100 करोड़ रुपये तक का है, लेकिन जांच में यह आंकड़ा 3200 करोड़ रुपये या उससे अधिक तक पहुंच सकता है। अब तक जांच एजेंसी इस केस में लगभग 205 करोड़ रुपये की संपत्ति भी अटैच कर चुकी है ईडी की कार्रवाई के बाद भूपेश बघेल के समर्थकों ने उनके आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस पार्टी इस कार्रवाई को राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित बता रही है, जबकि ईडी का कहना है कि उसके पास पुख्ता सबूत हैं।