MP Breaking News
Fri, Dec 19, 2025

छत्तीसगढ़ में नैनो उर्वरक की ओर बढ़ रहे किसान, कम लागत में हो रहा ज्यादा मुनाफा

Written by:Saurabh Singh
Published:
नैनो उर्वरकों के उपयोग से परिवहन और भंडारण की लागत में भी बचत हो रही है। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, धान की एक एकड़ फसल के लिए 50 किलोग्राम ठोस डीएपी के बजाय केवल 25 किलोग्राम डीएपी और आधा लीटर नैनो डीएपी पर्याप्त है।
छत्तीसगढ़ में नैनो उर्वरक की ओर बढ़ रहे किसान, कम लागत में हो रहा ज्यादा मुनाफा

छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर किसानों को रासायनिक उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है, साथ ही नैनो उर्वरकों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। चालू खरीफ सीजन के लिए 15.64 लाख मीट्रिक टन रासायनिक खाद का भंडारण किया गया, जिसमें से 13.19 लाख मीट्रिक टन का वितरण हो चुका है। डीएपी की कमी को देखते हुए नैनो यूरिया और नैनो डीएपी जैसे नवाचारों को अपनाने पर जोर दिया जा रहा है, जो कम लागत में अधिक उत्पादन और पर्यावरण संरक्षण में सहायक हैं।

कृषि विभाग के अनुसार, खरीफ सीजन 2025 के लिए 7 लाख 2 हजार 642 मीट्रिक टन यूरिया का भंडारण किया गया, जिसमें से 6 लाख 38 हजार 599 मीट्रिक टन किसानों को वितरित किया जा चुका है। इसके अलावा, 2 लाख 91 हजार 59 बोतल नैनो यूरिया और 2 लाख 38 हजार 619 बोतल नैनो डीएपी का भंडारण हुआ, जिसमें से क्रमशः 2 लाख 32 हजार 652 और 1 लाख 85 हजार 136 बोतलें वितरित की गईं। ये नैनो उर्वरक परंपरागत खाद की तुलना में 80-90% पोषक तत्व प्रदान करते हैं, जिससे लागत कम होती है और पर्यावरण पर कम प्रभाव पड़ता है।

नैनो उर्वरकों के उपयोग से बचत

नैनो उर्वरकों के उपयोग से परिवहन और भंडारण की लागत में भी बचत हो रही है। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, धान की एक एकड़ फसल के लिए 50 किलोग्राम ठोस डीएपी के बजाय केवल 25 किलोग्राम डीएपी और आधा लीटर नैनो डीएपी पर्याप्त है। नैनो यूरिया और डीएपी के उपयोग से 2 हजार 617 मीट्रिक टन यूरिया और 4 हजार 628 मीट्रिक टन डीएपी की आपूर्ति के बराबर प्रभाव प्राप्त हुआ है। यह न केवल खेती की लागत कम करता है, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी है, जिससे प्रदूषण में कमी आती है।

चौपालों और अभियानों के माध्यम से किसानों को जानकारी

कृषि विभाग द्वारा गांव-गांव में चौपालों और अभियानों के माध्यम से किसानों को नैनो उर्वरकों के लाभों की जानकारी दी जा रही है। पंपलेट, बैनर और डेमो के जरिए जागरूकता फैलाई जा रही है, जिसके परिणामस्वरूप किसान उत्साह के साथ नैनो उर्वरकों को अपना रहे हैं। मैदानी कर्मचारी खेतों में जाकर किसानों को प्रशिक्षित कर रहे हैं, जिससे वे विश्वास के साथ धान की फसल में नैनो उर्वरकों का उपयोग कर रहे हैं। यह पहल छत्तीसगढ़ की खेती को आधुनिक और टिकाऊ बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।