छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाएं गंभीर संकट की ओर बढ़ रही हैं, क्योंकि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के 16,000 से अधिक कर्मचारी आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं। इस हड़ताल के चलते बलौदा बाजार, बलरामपुर समेत पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं, जिसमें SNCU, ब्लड बैंक और लैब जैसी आपातकालीन सेवाएं भी शामिल हैं, पूरी तरह ठप हो सकती हैं। कर्मचारियों ने सरकार पर उनकी 10 सूत्रीय मांगों को अनसुना करने का आरोप लगाया है, जिसके कारण यह कड़ा कदम उठाया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश NHM कर्मचारी संघ के बैनर तले कर्मचारियों ने कई बार सरकार को ज्ञापन सौंपे, रैलियां निकालीं और प्रदर्शन किए, लेकिन उनकी मांगों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। संघ के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अमित कुमार मिरी, महासचिव कौशलेश तिवारी और प्रवक्ता पूरन दास ने बताया कि 15 अगस्त तक सरकार ने उनकी मांगों पर कोई निर्णय नहीं लिया। नतीजतन, बलौदा बाजार के 550 और प्रदेशभर के 16,000 से अधिक कर्मचारी आज से ‘कामबंद-कलमबंद’ हड़ताल पर जा रहे हैं।
20 साल की सेवा, फिर भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित
NHM कर्मचारियों का कहना है कि वे पिछले 20 वर्षों से प्रदेश के सुदूर क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ बने हुए हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान भी इन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, लेकिन सरकार ने उनकी मूलभूत सुविधाओं को अनदेखा किया है। कर्मचारियों की 10 प्रमुख मांगों में संविलियन, पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापना, ग्रेड पे निर्धारण, 27% लंबित वेतन वृद्धि, अनुकंपा नियुक्ति और न्यूनतम 10 लाख का कैशलेस चिकित्सा बीमा शामिल हैं।
बलरामपुर में भी 600 कर्मचारी हड़ताल पर
बलरामपुर जिले में भी लगभग 600 NHM कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं, जिससे जिले की प्रमुख स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होंगी। SNCU वार्ड, ब्लड बैंक और लैब जैसी महत्वपूर्ण सेवाएं बंद होने से मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, हड़ताल जारी रहेगी। इस स्थिति ने पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।





