छत्तीसगढ़ के विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि भारत की लोकतांत्रिक परंपराएं विश्व के लिए प्रेरणा का स्रोत रही हैं। नई दिल्ली में आयोजित ऑल इंडिया स्पीकर्स कॉन्फ्रेंस में ‘भारत लोकतंत्र की जननी’ विषय पर संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत ने प्राचीन काल से ही लोकतंत्र की भावना को आत्मसात किया है। डॉ. सिंह ने विधानसभाओं को लोकतंत्र का आधार बताते हुए कहा कि ये जनता की आकांक्षाओं को नीतियों में बदलने का महत्वपूर्ण माध्यम हैं। यह सम्मेलन भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को और मजबूती प्रदान करने के लिए आयोजित किया गया है।
डॉ. रमन सिंह ने अपने संबोधन में पंचायती राज व्यवस्था को लोकतंत्र की रीढ़ बताया। उन्होंने कहा कि प्राचीन काल में पंचायतें सामूहिक निर्णय और चर्चा के माध्यम से विवादों का समाधान करती थीं, जो आज भी लोकतंत्र की जीवंत इकाई के रूप में कार्य करती हैं। उन्होंने 1946 में गठित संविधान सभा को लोकतंत्र का अनुपम उदाहरण बताते हुए कहा कि यह भारत की लोकतांत्रिक नींव का प्रतीक है। उनके संबोधन ने भारत की समृद्ध लोकतांत्रिक विरासत पर गर्व करने का अवसर प्रदान किया।
भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को और सशक्त करना
यह दो दिवसीय सम्मेलन वीर विठ्ठल भाई पटेल, भारत के प्रथम निर्वाचित स्पीकर, की जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में आयोजित किया जा रहा है। सम्मेलन का शुभारंभ केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में किया। इस आयोजन में देशभर के विभिन्न राज्यों के विधानसभा अध्यक्ष और पीठासीन अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं। सम्मेलन का उद्देश्य भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को और सशक्त करने के लिए विचार-विमर्श और नीतिगत चर्चा को बढ़ावा देना है।
लोकतांत्रिक परंपराओं और विधानसभाओं की भूमिका पर गहन चर्चा
ऑल इंडिया स्पीकर्स कॉन्फ्रेंस में भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं और विधानसभाओं की भूमिका पर गहन चर्चा होने की उम्मीद है। यह मंच विभिन्न राज्यों के विधानसभा अध्यक्षों को एक-दूसरे के अनुभवों से सीखने और लोकतंत्र को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए रणनीतियां साझा करने का अवसर प्रदान करता है। डॉ. रमन सिंह के संबोधन ने सम्मेलन में भारत की लोकतांत्रिक विरासत और इसके भविष्य को मजबूत करने की दिशा में एक सकारात्मक संदेश दिया।





