छत्तीसगढ़ के दुर्ग में मानव तस्करी और जबरन धर्म परिवर्तन के आरोपों में गिरफ्तार दो ननों के मामले ने राजनीतिक और धार्मिक हलकों में हलचल मचा दी है। अब इस पर केरल बीजेपी अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बड़ा बयान दिया है।
गलतफहमी की वजह से हुई गिरफ्तारी
राजीव चंद्रशेखर ने भारतीय कैथोलिक बिशप सम्मेलन (CBCI) के अध्यक्ष और त्रिचूर के आर्कबिशप एंड्रयूज थजथ से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद उन्होंने कहा,
“छत्तीसगढ़ में जिन दो ननों को गिरफ्तार किया गया, वह एक गलतफहमी का नतीजा है। उन्हें जल्द ही जमानत पर रिहा कर दिया जाएगा।”
पीएम मोदी और अमित शाह ने दिया भरोसा
बीजेपी नेता ने आगे बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए राज्य सरकार से कहा है कि ननों की जमानत याचिका का विरोध न किया जाए। उन्होंने कहा,
“यह एक न्यायिक प्रक्रिया है। हम इसे राजनीतिक चश्मे से नहीं देख रहे हैं। बस इतना चाहते हैं कि इस पर राजनीति न हो।”
किस वजह से हुई गलतफहमी?
राजीव चंद्रशेखर ने बताया कि छत्तीसगढ़ में निजी प्लेसमेंट एजेंसियों को नियंत्रित करने वाला एक कानून है। इसके तहत, जब कोई युवती नौकरी के लिए एक जिले से दूसरे जिले में जाती है, तो उसे पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होता है। ननों ने यह प्रक्रिया नहीं अपनाई, जिसके कारण यह गलतफहमी हुई और पुलिस ने कार्रवाई की।,इस मामले में आर्कबिशप एंड्रयूज थजथ ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा,
“हम चाहते हैं कि दोनों ननों को जल्द रिहा किया जाए। उनके खिलाफ जो कार्रवाई हुई है, उससे पूरा ईसाई समुदाय दुखी है।”
उन्होंने देश में ईसाई समुदाय की सुरक्षा और उन पर हो रहे हमलों का मुद्दा भी राजीव चंद्रशेखर के सामने उठाया।
कैसे हुई गिरफ्तारी?
घटना 25 जुलाई की है। केरल की नन प्रीति मैरी और वंदना फ्रांसिस को छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन पर GRP ने उस वक्त गिरफ्तार किया, जब वे सुखमन मंडावी नाम की महिला के साथ यात्रा कर रही थीं। गिरफ्तारी की वजह बना स्थानीय बजरंग दल पदाधिकारी का आरोप, जिसमें दावा किया गया था कि ये नन तीन युवतियों का जबरन धर्मांतरण और तस्करी कर रही थीं।





