छत्तीसगढ़ में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं, क्योंकि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सोमवार तक अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करने वाले हैं। शनिवार शाम को साय ने राज्यपाल रमेन डेका से मुलाकात की, जिसे शपथ ग्रहण समारोह से पहले की औपचारिकता के रूप में देखा जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने 14 सदस्यीय मंत्रिमंडल को हरी झंडी दे दी है। इस विस्तार में दो संगठनात्मक नेताओं और एक आरएसएस समर्थित उम्मीदवार को शामिल किए जाने की संभावना है, जबकि मौजूदा मंत्रियों के विभागों में कोई बदलाव नहीं होगा।
मंत्रिमंडल विस्तार की जल्दबाजी का कारण मुख्यमंत्री साय का गुरुवार को जापान और दक्षिण कोरिया का निर्धारित दौरा है। सूत्रों का कहना है कि नए मंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह इस दौरे से पहले पूरा कर लिया जाएगा। इस बारे में साय ने संक्षिप्त टिप्पणी करते हुए कहा, “इंतजार करें, यह जल्द हो सकता है।” मंत्रिमंडल विस्तार में हरियाणा मॉडल अपनाए जाने की संभावना है, जहां 90 विधायकों वाले राज्य में 14 मंत्रियों की नियुक्ति की जाती है। छत्तीसगढ़ में भी 90 विधायक हैं, और संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार, विधानसभा की 15 प्रतिशत सीटें मंत्रिपरिषद के लिए उपयोग की जा सकती हैं।
मौजूदा मंत्रिमंडल में तीन नए चेहरों की होगी एंट्री
वर्तमान में साय मंत्रिमंडल में केवल 11 मंत्री हैं, क्योंकि वरिष्ठ नेता बृजमोहन अग्रवाल के रायपुर से सांसद चुने जाने के बाद एक पद खाली हो गया था। तीन नए मंत्रियों की नियुक्ति के साथ मंत्रिमंडल की संख्या 14 तक पहुंच जाएगी, जो संवैधानिक सीमा के अनुरूप होगी। इस विस्तार में जातिगत समीकरण, क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व और शक्ति संतुलन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी प्रमुख समुदायों और क्षेत्रों को उचित प्रतिनिधित्व मिले।
इन नेताओं के नाम चर्चा में
मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले संभावित चेहरों में बिलासपुर से तीन बार के पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल, रायपुर से पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर, अरंग के विधायक गुरु खुशवंत साहेब, दुर्ग से आरएसएस से जुड़े गजेंद्र यादव और अंबिकापुर से पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव को हराने वाले वैश्य समुदाय के राजेश अग्रवाल के नाम प्रमुखता से चर्चा में हैं। यह विस्तार न केवल मंत्रिमंडल को मजबूती प्रदान करेगा, बल्कि भाजपा की रणनीति को भी राज्य में और सुदृढ़ करेगा।





