रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज को मान्यता दिलाने जाँच टीम ने ली 55 लाख रुपये की रिश्वत, CBI ने 3 डॉक्टर सहित 6 आरोपियों को किया गिरफ्तार

आरोप ये भी है कि जांच टीम में शामिल निरीक्षक विभिन्न मेडिकल कॉलेजों को अवैध लाभ पहुँचाने के लिए अनुकूल रिपोर्ट्स दे रहे थे। 

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो CBI ने तीन डॉक्टर्स सहित 6 लोगों को गिरफ्तार किया है, इन लोगों पर आरोप हैं कि इन्होंने छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर स्थित श्री रावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़ एंड रिसर्च को मान्यता दिलाने में अनुकूल रिपोर्ट दिलवाने में सहायता करने के लिए रिश्वत ली, सीबीआई ने इन्हें उस समय बेंगलुरु से गिरफ्तार किया जब ये रिश्वत की राशि 55 लाख रुपये का लेन देन कर रहे थे

सीबीआई से मिली जानकारी के मुताबिक उसे सूचना मिली थी कि श्री रावतपुरा सरकार संस्थान के अधिकारी श्री रावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़ एंड रिसर्च नवा रायपुर को मान्यता दिलाने के लिए निरीक्षण के लिए नियुक्त मूल्यांकनकर्ताओं को रिश्वत के बदले अनुकूल रिपोर्ट देने के लिए प्रयास कर रहे थे।

55 लाख की रिश्वत का लेनदेन करते समय CBI ने पकड़ा  

सूचना मिलते ही CBI ने जाल बिछाया और 6 व्यक्तियों को उस समय गिरफ्तार किया जब वे बेंगलुरु में 55 लाख रुपये  की रिश्वत का लेन-देन कर रहे थे। गिरफ्तार आरोपियों को संबंधित स्थानों की सक्षम अदालतों के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार, आरोपियों ने निरीक्षण करने वाले डॉक्टरों को अवैध रूप से प्रभावित कर निरीक्षण प्रक्रिया में हेरफेर करने के लिए विभिन्न तरीकों का इस्तेमाल किया।

मान्यता के लिए वैधानिक निरीक्षण की प्रक्रिया में हेराफेरी के आरोप 

जिन्हें गिरफ्तार किया गया है उनमें 3 डॉक्टर्स और 3 बिचौलिए हैं जिन्होंने मामला सेट कराने में भूमिका निभाई , इन सभी पर आरोप है कि इन लोगों ने रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज की मान्यता के लिए किए जाने वाले वैधानिक निरीक्षण की प्रक्रिया में हेराफेरी कर, रिश्वत के बदले अनुकूल रिपोर्ट्स प्रस्तुत कीं।

6 राज्यों में 40 ठिकानों पर छापे 

आरोप ये भी है कि जांच टीम में शामिल निरीक्षक विभिन्न मेडिकल कॉलेजों को अवैध लाभ पहुँचाने के लिए अनुकूल रिपोर्ट्स दे रहे थे। गिरफ़्तारी के बाद अब CBI मध्य प्रदेश सहित कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और  दिल्ली में 40 से अधिक स्थानों पर तलाशी अभियान चला रही है।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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