छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, मंत्रालय महानदी भवन में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल की उपस्थिति में चिकित्सा शिक्षा विभाग, छत्तीसगढ़ और कॉन्टिनेंटल हॉस्पिटल, तेलंगाना के बीच एक लाइसेंस समझौते (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (PMSSY) के तहत किया गया, जिसमें वन एवं परिवहन मंत्री केदार कश्यप, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया, और कॉन्टिनेंटल हॉस्पिटल के अध्यक्ष डॉ. गुरुनाथ रेड्डी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। यह पहल बस्तर सहित पूरे प्रदेश में विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में मील का पत्थर है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि यह समझौता छत्तीसगढ़ के रजत जयंती वर्ष में गणेश महोत्सव के अवसर पर हुआ, जो प्रदेशवासियों के लिए शुभ संकेत है। उन्होंने बताया कि बस्तर क्षेत्र के लोग लंबे समय से उच्चस्तरीय चिकित्सा सुविधाओं से वंचित थे, लेकिन अब यह सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल उनके लिए वरदान साबित होगा। विशेष रूप से नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों को अब जगदलपुर में ही अत्याधुनिक इलाज मिलेगा, जिससे पहले उन्हें एयर एंबुलेंस से रायपुर ले जाना पड़ता था। यह अस्पताल प्रदेश के हर नागरिक, विशेषकर आदिवासी अंचलों तक उन्नत स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने के सरकार के लक्ष्य को साकार करेगा।
सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की स्थापना
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि इस सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की स्थापना बस्तर और पूरे छत्तीसगढ़ के लिए गर्व का विषय है। यह 240 बिस्तरों वाला 10 मंजिला अस्पताल 11 एकड़ क्षेत्र में फैला है और हृदय रोग, किडनी रोग, न्यूरो सर्जरी, यूरोलॉजी, और गैस्ट्रोएंटरोलॉजी जैसे विभागों से सुसज्जित होगा। पहले ऐसी सुविधाएं केवल रायपुर और बिलासपुर जैसे शहरों में उपलब्ध थीं, लेकिन अब बस्तर के लोग भी सरकारी दर पर इनका लाभ उठा सकेंगे। स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया ने बताया कि इस परियोजना की लागत 200 करोड़ रुपये है, जिसमें केंद्र सरकार ने 120 करोड़ और राज्य सरकार ने 80 करोड़ रुपये का योगदान दिया, साथ ही राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
आपातकालीन सेवाओं सहित अत्याधुनिक मशीनों
यह अस्पताल ओपीडी, आईसीयू, और आपातकालीन सेवाओं सहित अत्याधुनिक मशीनों और विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम से लैस होगा, जो सरकारी दर पर उपचार प्रदान करेगी। यह सुविधा न केवल बस्तर संभाग बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ और देशभर के मरीजों के लिए सुलभ होगी। इस ऐतिहासिक पहल को अधिकारियों और कॉन्टिनेंटल हॉस्पिटल प्रबंधन ने स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम बताया, जो बस्तर के लाखों लोगों की बड़े शहरों पर निर्भरता को कम करेगा। यह अस्पताल नई आशा और जीवनदायी सुविधाओं का प्रतीक बनकर छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य ढांचे को और सशक्त बनाएगा।





