तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा ने छत्तीसगढ़ पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया है कि उनके लोकसभा क्षेत्र कृष्णानगर (पश्चिम बंगाल) से मजदूरी के लिए कोंडागांव गए 9 मजदूरों को छत्तीसगढ़ पुलिस ने जबरन हिरासत में लेकर जेल भेज दिया है। महुआ मोइत्रा ने इस कार्रवाई को “राज्य प्रायोजित किडनैपिंग” करार दिया है।
सांसद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर एक वीडियो जारी कर घटना की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 13 जुलाई को कोंडागांव जिले के एक निजी स्कूल की निर्माण साइट पर काम कर रहे 9 मजदूरों को पुलिस के 12 जवान जबरन अपने साथ ले गए। महुआ के अनुसार, सभी मजदूरों के पास वैध दस्तावेज थे, लेकिन फिर भी उन्हें हिरासत में लिया गया और परिजनों को इस बारे में कोई सूचना नहीं दी गई।
State sponsored kidnapping by @CG_Police of 9 persons. Picked up & sent to jail under 128 BNSS illegally with NO detention order copy, no hearing, no lawyers. No contact with detainees. @ChhattisgarhCMO @DGP_CG pic.twitter.com/w7MIuYknUg
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) July 14, 2025
मजदूरों के मोबाइल बंद, परिजन परेशान
महुआ मोइत्रा ने बताया कि जिन मजदूरों को पकड़ा गया, वे सभी उनके लोकसभा क्षेत्र कृष्णानगर के निवासी हैं। मजदूरों के परिजनों ने उन्हें सूचित किया कि सभी को जगदलपुर जेल में बंद कर दिया गया है। हैरानी की बात यह है कि सभी मजदूरों के मोबाइल फोन बंद आ रहे हैं, जिससे संपर्क पूरी तरह टूट गया है।
SP का रवैया गैर-जिम्मेदाराना-महुआ मोइत्रा
महुआ मोइत्रा ने कहा कि उन्होंने खुद कोंडागांव के एसपी से फोन पर बात की, लेकिन जवाब बेहद गैर-जिम्मेदाराना था। सांसद का आरोप है कि न तो पश्चिम बंगाल सरकार को और न ही मजदूरों के परिजनों को गिरफ्तारी की कोई सूचना दी गई। उन्होंने इस पूरे मामले को मानवाधिकार का उल्लंघन बताते हुए तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।
TMC सांसद ने की जांच की मांग
महुआ मोइत्रा ने इस घटना को लेकर केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार पर भी निशाना साधा है। उन्होंने मजदूरों की रिहाई की मांग करते हुए पूरे घटनाक्रम की स्वतंत्र जांच कराए जाने की अपील की है। अब तक छत्तीसगढ़ पुलिस की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।





