भोपाल डेस्क रिपोर्ट। देशभर में ऑक्सीजन की कमी और रेमडिसिवर इंजेक्शन की किल्लत के बीच बीजेपी विधायक ने ट्वीट कर ऐसे मरीजों की जानकारी सार्वजनिक करने का आग्रह किया है जिन पर इनका उपयोग किया जा रहा है । इसके साथ ही एक अन्य बीजेपी नेता ने भी इंजेक्शन की सप्लाई को लेकर सवाल खड़े किए हैं।
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मंदसौर से बीजेपी के विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने ट्वीट कर कोविड कंट्रोल रूम भोपाल से किस शहर में कितने मरीज पॉजिटिव होकर किस-किस शासकीय और निजी अस्पताल में भर्ती हैं और इनमें से कितने स्कोर वाले मरीजों को रेमडिसिवर इंजेक्शन लग रहे हैं और कितनों को ऑक्सीजन दी जा रही है, यह जानकारी सार्वजनिक करने की मांग की है ताकि भ्रम की स्थिति पैदा ना हो। दरअसल स्वास्थ्य विभाग के पास इस बात का कोई पैरामीटर ही नहीं क किसे रेमडिसिवर इंजेक्शन लग रहा है। इंजेक्शनो का लेखा-जोखा भी सरकार के ऑडिट में नहीं है। यशपाल ने कहा है कि आमतौर पर डॉक्टर कहते हैं कि 25 में से 15 से ज्यादा सीटी स्कोर वाले मरीज को रेमडिसिवर इंजेक्शन लगना चाहिए। लेकिन किससे लग रहे हैं, किसे नहीं, यह जानकारी पता ही नहीं। अगर इंजेक्शन और ऑक्सीजन से संबंधित जानकारी सार्वजनिक होती है तो इससे भ्रम की स्थिति पैदा नहीं होगी और वास्तविक मरीज को इसका लाभ मिल सकेगा।
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बीजेपी के एक अन्य नेता गोविंद मालू ने मांग की है कि दवाई कम्पनियों की मनमानी पर सरकार कड़ी कार्रवाई करे। रेमडिसिवर जैसा प्राण रक्षक इंजेक्शन जब निजी अस्पतालों को उपलब्ध नहीं हो रहा है, तब हिट्रो फार्मा कम्पनी ने 4,800 इंजेक्शन अकेले अरविंदो और चिरायु अस्पतालों को दिए जबकि कई निजी अस्पतालों के भी ऑर्डर उनके पास थे। ये कम्पनियाँ मुनाफाखोरी के लिए यह कर रही है।
मालू ने कहा कि किन किन अधिकारियों के संज्ञान में यह वितरण इन कम्पनियों नें किया ऐसे अधिकारियों ने भी यह क्यों छुपाया? उन जिम्मेदार अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जानी चाहिए। मालू ने कहा एक तरफ तो प्रदेश के मुख्यमंत्री खुद होकर रेमडिसिवर बनाने वाली कंपनियों से बात कर इसकी हवाई जहाज और हेलीकाप्टर से व्यवस्था कर आम मरीजों की जान बचाने में लगे हैं, दूसरी तरफ दवा कंपनी और अस्पताल इस तरह का खेल कर मुख्यमंत्री जी की मेहनत पर पानी फेर रहे हैं।
मालू ने मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा है।