भोपाल डेस्क रिपोर्ट। अस्पतालों में भर्ती के लिए तड़पते मरीज, बिना ऑक्सीजन और रेमेडिसिविर के दम तोड़ते लोग और इन सब के बीच में सेलिब्रेशन की तैयारी….. लोगों में कोरोना के प्रति भय समाप्त करने के नाम पर हमीदिया प्रशासन इस इवेंट की तैयारी में जुटा है।
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गांधी मेडिकल कॉलेज हमीदिया के डीन का एक आदेश प्रदेश में कोरोना से मची हाहाकार के बीच शर्म और निंदा का विषय बन गया है। इस आदेश में कहा गया है दो दिन बाद हमीदिया अस्पताल से एक साथ मरीजों को डिस्चार्ज किया जाएगा और बाकायदा इन्हें फूल मालाएं देकर,गीत संगीत के बीच घर भेजा जाएगा ताकि लोग इससे प्रेरित हो सके कि कोरोना को किस तरह हराया जा सकता है।
यहां तक तो ठीक है और लोगों में जागृति पैदा करने की बात भी सही है लेकिन इसके लिए यह आदेश भी दिया गया है कि अब दो दिनों यानी 30 अप्रैल और 1 मई को किसी भी मरीज को डिस्चार्ज नहीं किया जाए और इन दोनों दिनों डिस्चार्ज होने वाले मरीजों को इन तारीख के बजाय 2 अप्रैल को डिस्चार्ज किया जाए। इसके माध्यम से यह प्रशासन यह दिखाना चाहता है कि कितनी बड़ी संख्या में भीड़ सही होकर घर गई।
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सवाल यह है कि दो दिन तक जो लोग हमीदिया में बिस्तर घेरे रहेंगे और जिनको बिस्तरों की वास्तव में जरूरत नहीं, उनके बजाएं बिस्तरों का इंतजार कर रहे मरीज क्या दम तोड़ देंगे? यह आदेश भोपाल के कमिश्नर कवींद्र कियावत के हवाले से दिया जाना बता रहा है। हैरत की बात यह है कि एक तरफ लोग बिस्तरों के अभाव में दम तोड़ रहे हैं और ऐसी हाहाकार के बीच अधिकारी इस मौत के मातम में भी इवेंट तलाश रहे हैं ताकि मुखिया को खुश किया जा सके। कांग्रेस ने इस पूरे मुद्दे पर कमिश्नर सहित अस्पताल प्रबंधन की निंदा की है। कांग्रेस के प्रवक्ता केके मिश्रा का कहना है लाशों पर इवेंट बनाना तो कोई आपसे सीखे।
पूरे प्रदेश सहित राजधानी भोपाल,जहां चिताओं के अंबार लगे हैं,बेड न होने से संक्रमित दम तोड़ रहे हैं,कमिश्नर, हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक का फरमान रविवार तक संक्रमितों को डिस्चार्ज न करे,इवेंट करना है!आपसे तो गली का कुत्ता अच्छा है,जो साथी की मौत होने के बाद उसके पास बैठ गम मनाता है pic.twitter.com/F0KHEDlOZr
— KK Mishra (@KKMishraINC) April 30, 2021