मंत्री जी के बेटे खरीद रहे दुगने दामों पर कोरोना की दवाई

Virendra Sharma
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भोपाल डेस्क रिपोर्ट। कोरोना के इस काल में लोगों ने आपदा को अवसर बना लिया है। अभी तक रेमेडिसिविर इंजेक्शन और ऑक्सीजन की किल्लत के बाद अब एक और आवश्यक टेबलेट की बाजार में किल्लत हो गई है। बीजेपी के नेता और प्रदेश के मंत्री के पुत्र ने खुद इसका खुलासा किया है।

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कोरोना में फेविफ्लू टेबलेट बेहद फायदेमंद मानी जाती है जो संक्रमण को रोकने का काम करती है। यह कोरोना के कम गंभीर मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद है। डॉक्टर की सलाह से इसका 6 दिन का कोर्स होता है और 400 एमजी की 29 गोलियां 6 दिन में एक मरीज को दी जाती है। लेकिन डिमांड बढ़ने के साथ-साथ यह दवाई भी बाजार से गायब हो रही है। मध्य प्रदेश के लोक निर्माण विभाग के मंत्री गोपाल भार्गव के पुत्र अभिषेक गोपाल भार्गव, जो खुद बीजेपी के कर्मठ और युवा कार्यकर्ता माने जाते हैं, उन्हें भी यह गोली ब्लैक में खरीदनी पड़ रही है। अपने फेसबुक पेज पर अभिषेक ने लिखा है कि जब से डॉक्टरों ने इसकी सलाह देना शुरू किया है, बाजार से दवा रेमेडिसिविर इंजेक्शन की तरह पूरी तरह गायब हो चुकी है। फिर भी एक जुगाड़ से और छोटे भाई के सहयोग से 1000 गोलियां मैंने अपने गढ़ाकोटा स्थित कोविड केयर सेन्टर के लिए ढूंढनी है और 2000 गोलियों की व्यवस्था और भी कर ली है जो यहां के मरीजों को निशुल्क दी जाएंगी। अभिषेक लिखते हैं “लेकिन यह मिली बहुत महंगी लगभग दुगनी दामों पर एक बोली ₹100 की मिली है। खैर, यह समय पैसे देखने का नहीं व्यवस्था जुटाने का है।”

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हैरत की बात यह है कि कोरोना काल में कालाबाजारी का शिकार वह लोग भी हो रहे हैं जो व्यवस्थाओं के लिए जिम्मेदार हैं। ऐसे में जाहिर तौर पर समझा जा सकता है कि आम आदमी को किस कदर परेशानियों का सामना करना होगा।


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