Wed, Dec 31, 2025

अब मंत्री जी बोली, रेमिडिसिविर इंजेक्शन ले रहा लोगों की जान

Written by:Virendra Sharma
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अब मंत्री जी बोली, रेमिडिसिविर इंजेक्शन ले रहा लोगों की जान

इन्दौर-आकाश धोलपुरे। अपने विवादित बयानों को लेकर हमेशा चर्चाओं में रहने वाली मध्य प्रदेश की पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर ने अटपटा बयान दिया है। उनका कहना है कि ऐसा लगता है कि रेमेडिसिविर इंजेक्शन की high-dose के चलते लोगों की जान जा रही है।

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कभी मास्क न लगाने को लेकर तो कभी एयरपोर्ट पर खुलेआम पूजा करने और कभी हवन से कोरोना को भगाने की बात करने वाली प्रदेश की पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर ने कोरोना के इलाज में रामबाण समझे जाने वाले रेमेडिसिविर इंजेक्शन की प्रासंगिकता पर ही सवाल उठा दिए हैं। दरअसल इंदौर में उनसे पत्रकारों ने पूछा कि नकली रेमेडिसिविर के चलते कई लोगों की जान चली गई तो उषा ठाकुर ने अपने अनुभवों के आधार पर ये खुलासा किया कि ऐसा लगता है कि नकली रेमेडिसिविर इंजेक्शन की बजाय असली रेमेडिसिविर इंजेक्शन ज्यादा जानलेवा साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि कहीं रेमेडिसिविर इंजेक्शन और टोसी इंजेक्शन की हाई डोज के चलते तो मरीजों की मौत नहीं हो रही। उन्होंने यह भी कहा कि हाई डोज बहुत तकलीफ दे रहे हैं और मैं अब तक डेढ़ दर्जन के करीब ऐसी मौतें देख चुकी हूं जो रेमेडिसिविर इंजेक्शन लगने के बाद भी हुई। उन्होंने अपने परिचित किसान संघ के नेता मोहन पांडे का उदाहरण दिया है कि उनको रेमेडिसिविर इंजेक्शन और टोसी लगे, बावजूद उसके उनकी जान नहीं बची। उषा ठाकुर ने उदाहरण देकर बताया कि कई लोग ऐसे भी थे जिन्हें नकली रेमेडिसिविर इंजेक्शन लगे लेकिन वे ठीक हो गए।

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दो दिन पहले ही मंत्री जी ने हवन के माध्यम से कोरोना भगाने की बात की थी। पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने अपनी इस बात को एक बार फिर दोहराया और अथर्ववेद का उदाहरण देते हुए कहा कि उसमें इस बात का उल्लेख है कि हवन किस तरह से वातावरण के प्रदूषण को दूर करता है। उन्होंने पत्रकारों से यह भी सवाल किया कि फागिंग क्या है? वह केमिकल से होती है और हवन प्राकृतिक चीजों से और इसीलिए यह कोरोना भगाने का बड़ा महत्वपूर्ण साधन है। अब मंत्री जी की बातों में कितनी सच्चाई है यह तो शोध का विषय है लेकिन हाल ही में कुछ साधु बाबाओं की मौत भी कोरोना से हुई थी और यह माना जाता है कि साधु बाबा तो प्रतिदिन हवन करते ही रहते हैं।