बॉलीवुड, डेस्क रिपोर्ट। अभय देओल पिछले 17 सालों से इंडस्ट्री में हैं और इन्होंने देव-डी, रांझणा, ज़िन्दगी न मिलेगी दोबारा जैसी फिल्मों में अपने अभिनय से अलग पहचान बनाई है। लीक से अलग फिल्मों में काम करने के लिए पहचाने जाने वाले अभय के काम को दर्शकों ने बहुत सराहा है। लेकिन इतने साल बॉलीवुड में बिताने के बाद भी अभय खुद को यहाँ मिसफिट महसूस करते हैं।
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एक इंटरव्यू में अभय ने अपने मन की बात रखते हुए बताया कि इंडस्ट्री में बहुत गुटबाजी होती है। यहाँ आपको किसी न किसी ग्रुप का हिस्सा बनकर रहना ज़रूरी है। अन्यथा आपको अलग समझ लिया जाता है। यहाँ आपको हमेशा खुद को हाईलाईट करने पर ध्यान देना होता है। ऐसा न करने पर आपको भुला दिया जाता है, आपकी मार्केट वैल्यू लो हो जाती है। पर ऐसा करना वह किसी जातिवादी संबंधी सोच जैसा मानते हैं, इसलिए खुद को अलग पाते हैं। हालाँकि उन्हें इस पर पहले लोगों पर गुस्सा आता था और खुद की क्षमताओं पर भी शक होता था।
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अभय ने आगे बताया कि पहले उनका सोचना था कि केवल एक्टिंग ही यहाँ काम आती है इसलिए उसी पर पूरा फोकस होना चाहिए। किसी को अपने बारे में बताते रहना, मार्केट करना वह घटिया समझते थे,पर अब उन्हें यह समझ आया है कि यह सब कितना ज़रूरी है। और इसीलिए वह इस इंडस्ट्री में खुद को मिसफिट समझते हैं। उन्होंने उस घटना के बारे में भी बताया जहाँ एक डायरेक्टर ने उन्हें बदनाम करने की कोशिश की थी। वह कहते हैं कि “यहाँ आप किसी के सामने अपने दिल की बात कह देते हैं, तो दूसरों के झांसे में फंस जाते हैं। क्यूंकि यही लोग आपका फायदा उठाने लगते हैं। मुझे याद है कि मेरे साथ ऐसा हुआ था जब एक डायरेक्टर ने मेरे बारे में काफी झूठी बाते फैलाई थी। इन सभी बातों के लिए भी आपको रेडी रहना पड़ता है।“