भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। बीते तीन दिन फिल्म इंडस्ट्री (Film industry) और संगीत की दुनिया के लिए बेहद दुखद रहे। 29 मई को पंजाबी गायक सिद्धू मुसेवाला (Sidhu Moose Wala Murder) की गोलियों से भूनकर जघन्य हत्या कर दी गई, वहीं 31 मई और 1 जून की दरम्यानी रात मशहूर गायक केके (Singer KK) की दुखद मौत ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। कहा जा रहा है कि 28 वर्षीय गायक की जल्द ही शादी होने वाली थी और उनकी मंगेतर कनाडा की रहने वाली हैं।
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बॉलीवुड (Bollywood) के मशहूर गायक कृष्णकुमार कुन्नथ को हम सब केके नाम से जानते हैं। अभी तक प्राप्त जानकारी के अनुसार 53 साल के केके को कोलकाता में एक कन्सर्ट के बाद दिल का दौरा पड़ा और अस्पताल ले जाने पर डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पिछले तीन दशकों में उन्होने कई यादगार गीत गाए। उनकी रूहानी आवाज़ सीधे दिल में उतरती है। हम दिल दे चुके सनम में ‘तड़प तड़क के इस दिल से’ गीत उनके सिग्नेचल सॉन्ग के रूप में जाना जाता है। दिल इबादत, तू जो मिला, तू ही मेरी शब है सुबह है, ज़रा सा, क्या मुझे प्यार है सहित तमाम गीत हैं जो हमेशा संगीत प्रेमियों के दिलों में बसे रहेंगे। केके फिल्मों के साथ म्यूजिक कॉन्सर्ट, फक्शंस में भी गाते थे लेकिन उन्होने एक बार एक सवाल के जवाब में कहा था कि वो शादियों में गाना नहीं गाते। केके ने कहा था कि भले ही इसके लिए उन्हें 1 करोड़ का ऑफर मिले, लेकिन वो शादियों में गाना पसंद नहीं करते।
पिछला कुछ समय फिल्म और मनोरंजन इंडस्ट्री को कई गहरे सदमे देकर गया है। इसी साल फरवरी में हमने महान गायिका लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) को खो दिया। उनका जाना इस सदी की बड़ी क्षतियों में गिना जाएगा। वहीं डिस्को डांसर जैसे कालजयी गीतों को संगीत देने वाली बप्पी लाहिड़ी (Bappi lahiri) ने भी जाने के लिए फरवरी का महीना ही चुना। दिलीप कुमार (Dilip kumar,) इरफान खान (Irrfan khan), ऋषि कपूर (Rishi Kapoor), राजीव कपूर (Rajeev kapoor) शशिकला (Shashikala), अमित मिस्त्री (Amit Mistry), राज कौशल (Raj kaushal), श्रवण राठौर (Shravan Rathod), वनराज भाटिया (Vanraj Bhatia), सुरेखा सिकरी (Surekha Sikri), सिद्धार्थ शुक्ला (Siddharth Shukla), अनुपम श्याम (Anupam Shyam), चंद्रकांत पांडे (Chandrakant Pandey) सहित कई अन्य लोगों को भी हमने खो दिया। हालांकि ये सही कहा जाता है कि कलाकार कभी नहीं मरते। वे अपने काम में हमेशा ज़िंदा रहते हैं। इन हस्तियों ने अपने काम से जो मुकाम हासिल किया है, वो सदैव उन्हें जीवित रखेगा। हम हमेशा लता दीदी के गीत गुनगुनाते रहेंगे, इरफान की फिल्में देख आंखों की नमी पोंछते रहेंगे, सुरेखा सिकरी की सख्त छवि में भी उनकी कोमलता तलाश ही लेंगे। ये जाने वाले दरअसल कहीं नहीं गए..हमारे ही भीतर थोड़ा और बस गए हैं।