काम पर लौटे 55 हजार कर्मचारी, 21 मार्च से कर रहे थे हड़ताल, मांग – जल्द हो समस्या का निराकरण

Kashish Trivedi
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। सहकारी समिति (Co-operative Society) के 55000 सहकारी कर्मचारी (MP Employees) द्वारा इस बार गेहूं खरीदी नहीं करने का निर्णय लिया गया था। हालांकि अब कर्मचारियों ने अपना फैसला बदल दिया है। वहीं शासन के अधिकारियों के भरोसे के बाद एक बार फिर से काम पर लौट आए हैं। जिसके बाद किसानों को होने वाली समस्या से निजात मिलेगी। दरअसल किसानों को अब गेहूं खरीदी के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा।

इसके साथ ही कर्मचारी ने आश्वासन के बाद गेहूं खरीदी का काम शुरू किया है और इस सीजन में आगे हड़ताल नहीं किया जाएगा। बता दें कि मध्य प्रदेश सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष बीएस चौहान ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में शुरू से उपाय जिनका काम सहकारी समिति द्वारा की गई है। इससे पहले खाद बीज और राशन वितरण का काम भी सहकारी समितियों को सौंपा गया था जबकि सरकार की तरफ से योजनाओं को किसानों जनता तक पहुंचाने का काम भी समितियों को दिया गया था।

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बावजूद इसके सहकारी समितियों के कर्मचारियों को शासन की तरफ से एक भी रुपए का भुगतान नहीं किया गया था। वही समिति कर्मचारियों द्वारा इसके लिए राज्य शासन से वेतन की मांग की जा रही है। सरकारी कर्मचारियों को वेतन के रूप में 6 से ₹12000 तक उपलब्ध कराए जाते हैं। जो इनके कार्य के अनुरूप बेहद कम है।

बीएस चौहान का कहना है कि हर साल गेहूं की खरीदी में समितियों को लाखों रुपए का नुकसान होता है। जिसके बाद नागरिक आपूर्ति निगम के समय पर कमीशन नहीं मिलने की वजह से कई कर्मचारियों को समय पर वेतन का भुगतान भी नहीं हो पाता है। जिसके बाद कर्मचारियों में रोष देखा जा रहा था। वहीं कर्मचारियों द्वारा इस वर्ष गेहूं और धान खरीदी नहीं करने पर विचार किया गया था।

समितियों के कर्मचारियों की मांग है कि सरकार द्वारा उन्हें अलग थलग कर दिया गया। ना ही शासकीय सेवक का दर्जा दिया गया है। जब चाहे उन्हें वेतन रोक लिए जाते हैं। जिसके बाद सहकारी समिति द्वारा मध्य प्रदेश सरकार से कर्मचारियों की सभी मांगों का समय पर निराकरण करने और उनके वेतन पर विचार कर उनकी मांगों का निराकरण करने की मांग की गई है।


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