कर्मचारी-पेंशनर्स के लिए राहत भरी खबर, पेंशन प्रणाली पर आई नवीन अपडेट, तैयार हो रहे प्रस्ताव, इस तरह मिलेगा लाभ

Kashish Trivedi
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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। लाखों 6th-7th pay commission कर्मचारी पेंशन कर्मियों (pensioners) के लिए बड़ी खबर है। दरअसल पीएफआरडीए (PFRDA) ने आईआरडीएआई (IRDAI) के साथ राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) पर चर्चा की है। इसके लिए प्रस्ताव (proposal) तैयार किए गए। इस प्रस्ताव के पारित होते ही बीमा नियामक एनपीएस पेंशन भोगियों को अपनी पेंशन नीति बदलने की अनुमति देगी। जिसका लाभ करोड़ों पेंशन भोगियों को मिलेगा।

केंद्र सरकार की नई नीति के तहत पेंशन प्रणाली को और अधिक सुदृढ़ बनाने की तैयारी की जा रही है। एक तरफ जहां देश बने पुरानी पेंशन योजना की मांग तीव्र हो गई। वहीं राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली मैं लगातार संशोधन किए जा रहे हैं। राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए योजनाओं को पोर्ट करने की अनुमति देने पर भी चर्चा की गई है। इस मामले में यदि प्रस्ताव पारित होता है तो कर्मचारी राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के पेंशनभोगी पेंशन प्रदान करने वाली बीमा कंपनी में बदलाव कर सकते हैं।

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बता दें कि वर्तमान में वार्षिकी पर ब्याज दर 5.39 प्रतिशत से 6.81 प्रतिशत के बीच है। NPS में पोर्टेबिलिटी विकल्प के साथ, पेंशनभोगियों के पास उच्च रिटर्न प्राप्त करने के लिए वार्षिकी योजना को किसी अन्य पेंशन प्रदाता में स्थानांतरित करने का मौका होगा। इधर प्रस्ताव अभी भी चर्चा के पहले चरण में है, इसलिए स्पष्ट नहीं है कि वार्षिकी योजनाओं की पोर्टिंग कैसे काम करेगी।

मामले में PFRDA के अध्यक्ष सुप्रतिम बंदोपाध्याय का कहना है कि पोटेबिलिटी की अनुमति देने के लिए आईआरडीएआई और सेवा प्रदाताओं से चर्चा की गई है प्रारंभिक चरणों में होने वाली इस चर्चा के लिए सकारात्मक परिणाम मिले हैं। अभी के नियम के मुताबिक ही अनिवार्य है कि अगर परिपक्वता के समय ड्यूटी खरीदने के लिए नई पेंशन प्रणाली कोष में कम से कम 40% का उपयोग पेंशनर्स द्वारा किया जा सकता है जबकि 60% राशि को एकमुश्त के रूप में निकाला जा सकते हैं।

इसका मतलब यह होगा कि यदि कोई एनपीएस पेंशनभोगी पेंशन प्रदान करने वाली बीमा कंपनी द्वारा दी जाने वाली वर्तमान वार्षिकी दर से खुश नहीं है, तो उसे एक अलग जीवन बीमा कंपनी द्वारा दूसरी वार्षिकी योजना में स्विच करने की अनुमति दी जाएगी। नवीन प्रस्ताव के तहत एक बार वार्षिकी उत्पाद का चयन करने के बाद, इसे 15-20 दिनों की प्रारंभिक कूलिंग-ऑफ अवधि के अलावा और नहीं बदला जा सकता है।

वहीँ कई बार कर्मचारी ग्राहक जल्दबाजी में निर्णय लेते हैं और बाद में महसूस करते हैं कि एक और विकल्प बेहतर था और सुधार करना चाहते हैं। 60 वर्ष की आयु से पहले समय से पहले बाहर निकलने के लिए, एक एनपीएस ग्राहक को जीवन बीमा कंपनी से पेंशन योजना (वार्षिक) खरीदने के लिए कुल एनपीएस कोष का 80 प्रतिशत उपयोग करने की आवश्यकता होती है।

कुल फंड का केवल 20 प्रतिशत ही एकमुश्त के रूप में निकाला जा सकता है। समय से पहले निकासी के मामले में, यदि समय से पहले निकासी के समय कुल राशि 2.5 लाख रुपये से कम या उसके बराबर है, तो ग्राहक वार्षिकी में निवेश किए बिना पूरी राशि निकाल सकता है। वहीँ जीवन बीमा कंपनी की वार्षिकी योजना ग्राहकों की सेवानिवृत्ति के बाद नियमित पेंशन प्रदान करेगी।

ऐसे में कर्मचारी पेंशनर्स वार्षिकी खरीदने का मतलब है कि एक ग्राहक एक बीमा कंपनी के साथ पैसा निवेश करता है और बदले में, बीमाकर्ता पेंशन के रूप में एक निश्चित आवृत्ति पर एक निश्चित राशि का भुगतान करता है। भुगतान की जाने वाली पेंशन की आवधिकता उसके द्वारा वार्षिकी योजना खरीदते समय चुने गए विकल्प पर निर्भर करती है जैसे कर्मचारी योजना के दिवस मासिक, त्रैमासिक, वार्षिक आदि में चुन सकते हैं।

एक एनपीएस ग्राहक पीएफआरडीए के साथ सूचीबद्ध 14 बीमा कंपनियों में से केवल एक के माध्यम से वार्षिकी योजना खरीद सकता है। सूची में भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी), एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस, एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस आदि शामिल हैं।


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