आजादी का अमृत महोत्सव : ‘हर घर तिरंगा’ अभियान का दिख रहा व्यापक असर, तिरंगामय हुआ देश, जानें झंडा फहराने के कुछ विशेष नियम

Kashish Trivedi
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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। भारत में आज से ‘हर घर तिरंगा’ अभियान (Har Ghar Tiranga Campaign) की शुरुआत हुई है। पीएम मोदी (PM Modi) की अपील पर आजादी के अमृत महोत्सव (Azadi ka Amrit Mahotsav) के दौरान हर घर तिरंगा योजना की शुरुआत आज से होगी। दरअसल इस वर्ष देश अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस (75th years of India Independence) मना रहा है। यह अभियान पिछले महीने 22 जुलाई को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भावनात्मक अपील का परिणाम है।

आजादी का अमृत महोत्सव : 'हर घर तिरंगा' अभियान का दिख रहा व्यापक असर, तिरंगामय हुआ देश, जानें झंडा फहराने के कुछ विशेष नियम

वहीँ अभियान का मूल उद्देश्य जनता से जुड़ना और जनता में राष्ट्रवाद और देशभक्ति का एक नया जोश भरना है। पिछले महीने पीएम मोदी ने सभी से अपने घरों से राष्ट्रीय ध्वज फहराने का आग्रह किया था। मोदी सरकार आजादी के 75वें वर्ष को ‘अमृत महोत्सव’ के रूप में मना रही है। हर घर तिरंगा अभियान भी अमृत महोत्सव का हिस्सा है। इसी कड़ी में आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उनकी पत्नी सोनल शाह ने आज से हर घर तिरंगा अभियान शुरू होने पर अपने आवास पर तिरंगा फहराया।

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इससे पहले दक्षिण भारत के कर्नाटक से पश्चिम के गुजरात तक, उत्तर में लेह से लेकर पूर्व में अरुणाचल सहित सभी राज्यों में ‘तिरंगा यात्रा’ आयोजित की जा रही हैं। वहीँ डाक विभाग अब तक 1 करोड़ से अधिक राष्ट्रीय ध्वज बेच चुका है। इधर आज से शुरू हुए हर घर तिरंगा अभियान में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा गुवाहाटी में तिरंगे प्रभात फेरी में हरघरतीरंगा अभियान में भाग लिया हैं।

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तिरंगा फहराने के नियम

  • बता दें कि भारतीय ध्वज तिरंगा के उपयोग और फहराने से संबंधित भारतीय संहिता के नियम को जानना भी बेहद आवश्यक है। तिरंगे का उपयोग और प्रदर्शन राष्ट्रीय गौरव का अपमान निवारण अधिनियम 1971 भारतीय ध्वज संहिता 2002 के तहत नियंत्रित किया जाता है।
  • राष्ट्रीय ध्वज हमेशा आयातकार होने चाहिए। जिसकी लंबाई और ऊंचाई का अनुपात 3.2 तय किया गया है। इसके अलावा झंडा फहराने पर किसी भी तरह का प्रतिबंध नहीं है। आम लोग, निजी संस्थान से लेकर कोई भी किसी भी समारोह में तिरंगा का सम्मान करते हुए इसे फहरा सकता हैं।
  • पूर्व के नियम के तहत ही अनिवार्य था कि झंडा सूर्योदय में फहराया जाता था और सूर्यास्त होने पर इसे उतार लिया जाता था। हालांकि जुलाई 2022 में इसके लिए संशोधन किया गया। अब दिन और रात लोग अपने घर में झंडा फहरा सकते हैं।
  • झंडा किसी भी गाड़ी पर नहीं लगाया जाता है। कुछ विशिष्ट लोगों के वाहन का छोड़कर किसी गाड़ी पर झंडा नहीं फहराया जा सकता है। जिन लोगों के गाड़ी पर झंडा होते हैं, उनमें राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति के अलावा प्रधानमंत्री, कैबिनेट मंत्री, राज्यपाल, उप-राज्यपाल, लोकसभा स्पीकर सहित सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश हाईकोर्ट के जज की गाड़ियों पर इसे लगाया जाता है।

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क्या नहीं करना चाहिए

फटे हुए तिरंगे को कभी नहीं ठहराया जाना चाहिए राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग किसी भी पोशाक और पहनावे के रूप में नहीं किया जाना चाहिए। इसे जमीन फर्श और पानी पर नहीं रखा जाना चाहिए। साथ ही इसका उपयोग किसी भी वस्तु को लपेटने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।


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