आई वेरिफिकेशन में जिन नामों को संदिग्ध सूची में जोड़ा गया है। इसके तहत वह एनएफएसए के तहत राशन बनने की पात्रता नहीं रखते हैं। इस मामले में फूड सेक्रेट्री सुधांशु पांडे ने बड़ी अपडेट दी। उन्होंने कहा कि 2013 से 2021 के बीच 4 करोड़ से अधिक राशन कार्ड को रद्द किया गया है। जबकि 70 लाख राशन कार्ड धारकों को संदिग्ध की सूची में रखा गया है। इनके सही जानकारी जुटाई जा रही है।
वही सुधांशु पांडे ने कहा कि 7000000 में से यदि 50% भी सही नहीं पाए जाते हैं तो उनके नाम और राशन कार्ड रद्द कर दिए जाएंगे और उनके जगह पर नए पात्र लोगों को मौका दिया जाएगा। हर साल प्रक्रिया अपनाई जाती है। वही 9 साल में इस प्रक्रिया के तहत 4 करोड़ राशन कार्ड को रद्द किया गया जबकि 19 करोड को लाभान्वित किया गया है।
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फूड मिनिस्ट्री की तरफ से जारी आंकड़ों की मानें तो 2016 में सबसे ज्यादा 84 लाख राशन कार्ड को रद्द किया गया है जबकि 2020 और 21 में 46 लाख राशन कार्ड रद्द हुए हैं।
वहीं दूसरी तरफ एक बार फिर से यूपी सरकार ने उन्हें नई सुविधाएं दी है। इसके साथ ही कई अन्य सुविधाएं भी शुरू की जा रही है। सरकार द्वारा एक अन्य कदम बढ़ाते हुए सभी परिवारों के लिए निशुल्क इलाज की सुविधा अनिवार्य कर दी गई है।
दरअसल अंत्योदय कार्ड रखने वाले सभी परिवारों को एक अन्य सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। सभी अंत्योदय कार्ड धारकों के निशुल्क इलाज के लिए आयुष्मान कार्ड बनाए जाएंगे। जिसके लिए जिले और तहसील पर विशेष अभियान शुरू कर दिए गए हैं। इसके तहत अंत्योदय कार्ड धारकों के सभी सदस्यों का आयुष्मान कार्ड बनाया जाएगा।
वही जन सुविधा केंद्र में यह सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। राशन कार्ड दिखाकर जन सुविधा केंद्र पर आयुष्मान कार्ड के लिए आवेदन किया जा सकता है। इसके लिए योगी सरकार ने आदेश जारी किए हैं। वहीं अभियान जिला स्तर पर व्यापक तरीके से चलाया जा रहा है। हालांकि इसके लिए अंतिम तिथि जुलाई थी। जिसे एक बार फिर से बढ़ा दिया गया है।