भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (MP) में राज्य शासन ने नई व्यवस्था किया है। दरअसल लगातार मिल रही शिकायतों और सहकारी समिति (co-operative committee) की सदस्यता में हो रही गड़बड़ी को देखते हुए सरकार ने व्यवस्था लागू किया। जिसके बाद समितियों को सदस्यता सूची सार्वजनिक करनी होगी। इतना ही नहीं गृह निर्माण सहकारी समिति (Home Construction Cooperative Society) को भूखंड आवंटित करने वाले सदस्यों के बारे में भी बताना होगा। जिसके बाद प्राथमिकता सूची के आधार पर भूखंड का आवंटन किया जाएगा।
इतना ही नहीं नई व्यवस्था के मुताबिक सहकारी समितियों को यह बताना होगा कि संस्था के पास यदि भूमि उपलब्ध है तो उसके उपयोग के लिए कार्य योजना किस प्रकार निर्धारित की गई है। वहीं हर साल भूखंड आवंटन के लिए प्राथमिकता सूची भी तैयार की जाएगी और प्राथमिकता सूची में किसी भी तरह का बदलाव होता है तो इसके बारे में विभाग को जानकारी देना अनिवार्य होगा।
वही भूखंड आवंटन में प्राथमिकता सूची के तैयार की गई प्रक्रिया के विपरीत यदि परिवर्तन होते हैं और उसके विरुद्ध विभाग द्वारा जानकारी उपलब्ध नहीं करवाई जाती है तो संस्था के पदाधिकारियों के खिलाफ सहकारी अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी जानकारी की माने तो अपात्र को भूखंड आवंटन करने को लेकर भोपाल इंदौर सहित कई अन्य जिलों से लगातार शिकायतें सामने आ रही थी। जिसके बाद अभियान चलाकर सरकार ने पात्र सदस्यों को ही भूखंड आवंटन का कार्य सौंपा था।
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हालांकि इसके बावजूद भी व्यवस्था में पारदर्शिता नहीं होने की वजह से लगातार शिकायत सामने आ रही थी। इस मामले में संयुक्त पंजीयक अरविंद सिंह सिंगर का कहना है कि विभाग ने गृह निर्माण समिति के लिए अलग से पोर्टल तैयार किया है। जिसकी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। सदस्यों की सूची को सभी संस्थाओं को अनिवार्य रूप से सार्वजनिक करना होगा। जानकारी देते हुए संयुक्त पंजीयक अरविन्द सिंह सेंगर ने कहा कि प्राथमिकता सूची के आधार पर ही भूखंड का आवंटन किया जाएगा।
वहीं सूची में परिवर्तन होने पर सदस्य को रजिस्टर्ड डाक से इसकी सूचना भेजी जाएगी। जिसके बाद उप पंजीयक को भी इसकी एक प्रति उपलब्ध कराई जाएगी। लगातार सीएम शिवराज द्वारा अधिकारियों को निर्देशित किया जा रहा था कि पात्रों को ही भूखंड का लाभ दिया जाए। वही भूखंड आवंटन में किसी भी तरह की कोताही लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जिसके बाद अब व्यवस्था को और पारदर्शिता बनाने के लिए प्रक्रिया अपनाई गई है। वहीं विभाग के आयुक्त संजय गुप्ता द्वारा सभी ग्रह निर्माण सहकारी समिति को वेबसाइट का निर्माण करने के अलावा सदस्यों से पूरी जानकारी उस पर अपलोड करने के निर्देश दिए गए हैं। ज्ञात हो कि मध्यप्रदेश में 4000 से अधिक सहकारी गृह निर्माण समिति है। सहकारी गृह निर्माण समिति की सदस्यता में लगातार गड़बड़ी की शिकायत सामने आने के बाद अब यह फैसला लिया गया है।