रांची, डेस्क रिपोर्ट। कई राज्यों में पुरानी पेंशन योजना (old pension scheme) लागू होने के बाद एक तरफ जहां प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग बढ़ गई है। वहीं अब एक और राज्य ने पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने की घोषणा कर दी है। दरअसल सीएम (CM) द्वारा इस घोषणा के बाद कई तरह के होम वर्क का काम शुरू हो गया। हालांकि अब राज्य सरकार के सामने भारी परेशानी निकल कर आ रही है। जिसके बाद शीर्ष स्तर पर भी बैठक में यह साफ हो गया है कि बिना केंद्रीय सहयोग के राज्य में पुरानी पेंशन स्कीम लागू करना बेहद मुश्किल कार्य होगा।
बता दें कि बीते दिनों मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा झारखंड में पुरानी पेंशन योजना (OPS) लागू करने की घोषणा की गई थी। वर्ष 2004 में राज्य में लागू नई पेंशन योजना (NPS) के तहत कर्मचारियों और नियोक्ता द्वारा कटौती की गई राशि के लिए पीएफआरडीएआई को जिम्मेदारी दी गई है। वही जब तक PFRDAI द्वारा कटौती की गई ₹17000 करोड़ रूपए की राशि झारखंड सरकार को नहीं मिलती है। तब तक प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना लागू करना राज्य सरकार के लिए गंभीर विषय साबित हो सकता है।
राज्य में 1 दिसंबर 2004 से ही नई पेंशन योजना को लागू किया गया। वहीं वित्त विभाग की माने तो नई पेंशन योजना के झारखंड सरकार के लगभग 11000 करोड़ जबकि कर्मचारी के ₹6000 करोड़ रुपए जमा किए गए हैं। जिसकी राशि कुल मिलाकर ₹17000 करोड़ है। अगर राशि झारखंड को मिल जाती है तो उसका उपयोग किया जा सकता है। बता दें कि 1 दिसंबर 2004 के बाद नियुक्त हुए कर्मचारी के रिटायर होने में अभी 10 साल और लगेंगे। ऐसे में पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलने में कर्मचारियों को 10 साल का समय है। जिससे सरकार अन्य मदों पर इसका उपयोग कर उन्हें पेंशन का लाभ दे सकती है।
चर्चाओं की माने तो PFRDAI द्वारा यदि राशि राज्य सरकार को वापस नहीं की जाती है तो ऐसी स्थिति में राज्य सरकार द्वारा 1 अगस्त 2022 से नवनियुक्त हुए कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जा सकता है। सरकार के शीर्ष बैठक में अबतक विचार विमर्श में यही बात निकलकर सामने आ रही है। जबकि 31 दिसंबर 2004 से 31 जुलाई 2022 के बीच नियुक्त हुए कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने के लिए PFRDAI में जमा राशि का रिलीज होना बेहद आवश्यक है। यदि राशि वापस से राज्य सरकार को मिल जाती है तो सरकार 2004 में नियुक्त हुए कर्मचारियों को भी पुरानी पेंशन योजना का लाभ दे सकती है।
इससे पहले राजस्थान में भी पुरानी पेंशन योजना को लागू कर दिया गया है। इसके लिए नियम में लगातार बदलाव किए जा रहे। GPS के तहत पेंशनर्स को इसका लाभ दिया जाएगा। हालांकि राजस्थान के मुख्यमंत्री द्वारा लगातार पीएफआरडीएआई से राशि जारी करने की मांग की जा रही है। इसी बीच जब तक PFRDAI द्वारा काटी गई ₹17000 करोड़ रूपए की राशि झारखंड सरकार को उपलब्ध नहीं कराई जाती है। तब तक पुरानी पेंशन स्कीम को प्रदेश में लागू करना संभव नहीं है। बता दें कि पीएफआरडीए पारित कानून के तहत हुआ है। जिसमें मैच्योरिटी की स्थिति में ही राशि की निकासी का प्रावधान किया गया है। किसी भी बदलाव के लिए केंद्र सरकार की सहमति होनी आवश्यक है।