केंद्र का MP को बड़ा तोहफा, 3 मेगा प्रोजेक्ट से बदलेगी तस्वीर, विकास को मिलेगी नई राह, बढ़ेंगे रोजगार के साधन

Kashish Trivedi
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। भारत सरकार राज्य के बुनियादी ढांचे को लगातार मजबूत कर रही है।केंद्र सरकार (modi government) द्वारा मध्य प्रदेश के विकास (MP Development) के लिए कई बड़ी सौगात दी जा रही है। कई मेगा प्रोजेक्ट (Mega Project) एक साथ मध्यप्रदेश में संचालित किए जा रहे हैं। जिसका फायदा निश्चित ही मध्य प्रदेश की जनता सहित सभी जिलों को होगा। इनमें कई मेगा प्रोजेक्ट शामिल है। जिसमें दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे (Delhi Mumbai Expressway) के अलावा चंबल एक्सप्रेस वे (Chambal Expressway), नर्मदा एक्सप्रेस वे (Narmada Expressway) को शामिल किया गया है।

इसी क्रम में केंद्रीय सड़क एवं राजमार्ग मंत्रालय ने राज्य में 119 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों के उन्नयन के लिए 594 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। राज्य सरकार की अति महत्वाकांक्षी परियोजना नर्मदा एक्सप्रेसवे जल्द ही आकार लेगी। प्रस्तावित नर्मदा एक्सप्रेसवे का हिस्सा राष्ट्रीय राजमार्ग 45 के शाहपुरा-डिंडोरी खंड में करीब 61 किलोमीटर के लिए भारत सरकार ने आज 241 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग 752-सी के जीरापुर से पचौर खंड पर लगभग 59 किलोमीटर के उन्नयन के लिए 353 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है।

महाकौशल क्षेत्र के चहुंमुखी विकास के लिए नर्मदा एक्सप्रेस-वे का निर्माण राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता है। राष्ट्रीय राजमार्ग 45 का 520 किमी क्षेत्र मध्य प्रदेश से होकर गुजरता है। प्रस्तावित नर्मदा एक्सप्रेस-वे में अमरकंटक से जबलपुर के बीच शाहपुरा खंड से राष्ट्रीय राजमार्ग 45 के डिंडोरी तक 61 किलोमीटर के मार्ग के उन्नयन की स्वीकृति प्रदान की गयी है।

इस अपग्रेडेशन से उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर ग्वालियर-झांसी-सागर-नागपुर और वाराणसी-रीवा-नागपुर राष्ट्रीय राजमार्ग आपस में जुड़ जाएंगे। इससे राज्य को आर्थिक, सामाजिक, पुरातात्विक और पर्यटन का लाभ मिलेगा। वही नर्मदा एक्सप्रेस वे छत्तीसगढ़ के राज्य मार्ग जबकि पश्चिम में गुजरात और दिल्ली मुंबई इंटर कोरोडोर तक जुड़ेगा। इसके अलावा मध्यप्रदेश के डिंडोरी मंडला जबलपुर नरसिंहपुर खंडवा खरगोन बड़वानी अलीराजपुर झाबुआ होशंगाबाद से भी नर्मदा एक्सप्रेस वे गुजरेगा। छत्तीसगढ़ गुजरात मध्य प्रदेश कनेक्ट किया जाएगा। वही इस एक्सप्रेस वे का लाभ दिल्ली वडोदरा एक्सप्रेस कॉरिडोर को भी मिलेगा। जिसके बाद नर्मदा एक्सप्रेस वे को दिल्ली वडोदरा एक्सप्रेस कॉरिडोर से भी जोड़ा जाएगा।

राष्ट्रीय राजमार्ग 752-सी के जीरापुर से पचौर खंड पर 59 किलोमीटर मार्ग के उन्नयन की स्वीकृति प्रदान की गयी है। राष्ट्रीय राजमार्ग 752-सी का 137 किमी हिस्सा मध्य प्रदेश से होकर गुजरता है।जिसके उन्नयन का कार्य विभिन्न खंडों में चल रहा है। जीरापुर से पचौरे की मंजूरी मिल गई है। पचौर से शुजालपुर, शुजालपुर से आष्टा और अष्ट बाइपास तक का काम किया जा रहा है ।इसके अपग्रेडेशन से आगरा-मुंबई कॉरिडोर, भोपाल-देवास हाईवे एक-दूसरे से जुड़ सकेंगे। इसका लाभ राजगढ़, आगर-मालवा और सीहोर जिलों को मिलेगा।

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चंबल एक्सप्रेसवे सरकार की महत्वपूर्ण योजना है। इसके तहत 8,250 करोड़ रुपये का चंबल एक्सप्रेसवे राजस्थान के कोटा से शुरू होगा और श्योपुर, मुरैना और भिंड से होकर यूपी में कानपुर हाईवे में जोड़ा जाएगा। प्रगति मार्ग को चार लेन के रूप में प्रस्तावित किया गया है और भविष्य में आठ लेन विकसित करने के लिए पर्याप्त भूमि को तैयार किया जाएगा।

404 किमी की कुल लंबाई में से, मध्य प्रदेश में एक्सप्रेसवे की लंबाई 309 किमी होगा। यह कॉरिडोर भिंड में आगरा-कानपुर एक्सप्रेसवे, मुरैना में नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर और राजस्थान में दिल्ली-मुंबई कॉरिडोर को छूएगा। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार को दिल्ली और राजस्थान की सीमा से लगे भिंड, मुरैना और श्योपुर जिलों से परियोजना के लिए 3,060 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण होगा। जिसमें से 1,600 हेक्टेयर भूमि राजस्व और वन विभागों की है और 1,460 हेक्टेयर निजी भूमि मुख्य रूप से किसानों की है, जिसके लिए 335 करोड़ रुपये खर्च किए जाने का अनुमान लगाया गया है।

परियोजना के संकलन के बाद, राज्य सरकार ने भिंड में एक रसद हब, मुरैना में एक बहु-औद्योगिक केंद्र और श्योपुर में कृषि आधारित उद्योग खोलने की योजना बनाई है। राज्य सरकार ने इस परियोजना के लिए 4 जुलाई, 2020 को भूमि के लिए 421 करोड़ रुपये सहित 781 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता स्वीकृत की।

विनिमय नीति के अनुसार अधिग्रहीत भूमि के स्थान पर किसानों को विभिन्न स्थानों पर बंजर या कृषि भूमि की पेशकश की जा रही है। इसके विपरीत अधिकांश किसान भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 के तहत मुआवजे की मांग कर रहे हैं।जो ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि के बाजार मूल्य का चार गुना और शहरी क्षेत्रों में दो गुना है। वहीँ किसानों को मुआवजा उपलब्ध कराया जा रहा है।

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दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे एशिया का दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा। दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे का फायदा मध्यप्रदेश में भी देखने को मिलेगा। मध्य प्रदेश के 3 जिलों से दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे गुजरेगा इन 3 जिलों में रतलाम, जावरा, मंदसौर शामिल है। इसकी लागत 100000 करोड़ रखी गई है। मध्यप्रदेश में दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे के 240 किलोमीटर का हिस्सा पहुंचेगा। खुशखबरी यह है कि मध्य प्रदेश में 80 फीसद काम को पूरा कर लिया गया है। माना जा रहा है कि नवंबर 2022 तक इस पर आवागमन शुरू हो जाएंगे।

इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण से दिल्ली से मुंबई 12 घंटे में पहुंचा जा सकेगा। जबकि इंदौर से दिल्ली मुंबई का सफर 6 घंटे का हो जाएगा। वही इसके लिए मंदसौर के भानपुरा, गरोठ, सीतामऊ और झाबुआ के थांदला के पास इंटरसेक्शन बनाया जा रहा है। जिसके दोनों तरफ टोल नाके बनेंगे। 8437 करोड़ की लागत से इसका निर्माण कराया जा रहा है। वहीं रतलाम में 70 किलोमीटर हिस्सा बनकर तैयार हो चुका है। जिस पर टेस्ट ड्राइव किया जाएगा।


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