विशेष रूप से आजीविका मिशन के माध्यम से बड़ी संख्या में बनाए गए महिला स्व-सहायता समूहों को हर संभव सहयोग दिया जा रहा है। इसी बीच आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj singh chouhan) ने कहा कि समूहों की सक्रियता से महिलाएँ सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
महिलाओं की मेहनत और स्व-रोजगार के प्रति जुनून आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के संकल्प को पूरा करने में सहयोगी बनेगा। प्रदेश के 45 हजार ग्रामों में करीब 3 लाख 33 हजार स्व-सहायता समूहों का गठन कर लगभग 38 लाख महिलाओं को जोड़ा जा चुका है।
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मिशन के अंतर्गत गठित स्व-सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं के लिए भरपूर धन राशि का इंतजाम किया है। समूहों से जुड़ने के लिए पात्र परिवारों में शेष बचे सभी परिवारों को अगले 3 वर्षों में स्व-सहायता समूहों से जोड़ लिया जाएगा।
आर्थिक गतिविधियों के लिए पूंजी का इंतजाम
सीएम शिवराज ने स्व- सहायता समूहों को सस्ती ब्याज दर और सरल प्रक्रिया से बैंक ऋण उपलब्ध कराने के काम को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखा है। ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका गतिविधियों को और सुदृढ़ करने विगत वर्षों की तुलना में बैंक ऋण राशि में वृद्धि की गई है।राज्य सरकार द्वारा 300 करोड़ रु. से बढ़ाकर 1300 करोड़ रु. किया गया।इस वर्ष 2550 करोड़ रु. बैंक ऋण स्व-सहायता समूहों को उपलब्ध कराने लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
- एमपी आजीविका मार्ट पोर्टल -स्व-रोजगार के अनेक अवसर
- व्यवसाय के लिए जरूरी सामग्री स्वयं खरीदें समूह की महिलाओं का बीमा
- सामाजिक सशक्तिकरण के क्षेत्र में नए आयाम
- योजनाओं की निगरानी एवं क्रियान्वयन में सक्षम बनी महिलाएँ
- ऑक्सीजन प्लांट का संचालन समूह की महिलाओं द्वारा
- पोषण आहार संयंत्रों के संचालन की जिम्मेदारी संभालेंगी महिला समूह