भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (madhya pradesh) में कोरोना (corona) रफ्तार में कमी देखी जा रही है लेकिन आगे लॉकडाउन (lockdown) की परिस्थितियां ना बने, इसके लिए मुख्यमंत्री द्वारा कड़े फैसले लिए जा रहे हैं। कोरोना संक्रमण पर समीक्षा बैठक करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (shivraj singh chauhan) द्वारा प्रदेश के संभाग के कलेक्टर और जनप्रतिनिधियों को निर्देश दिए गए। इस दौरान सीएम शिवराज (CM Shivraj) ने कहा कि 31 मई तक मध्य प्रदेश में पॉजिटिविटी रेट (positivity rate) को शून्य पर लाना सबकी जिम्मेदारी है। साथ ही बैठक में राजधानी भोपाल सहित कई संभाग और जिलों में कोरोना कर्फ्यू 31 मई तक बढ़ा दिया गया है।
दरअसल मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल कोरोना कर्फ्यू (corona curfew) 31 मई तक बढ़ा दिया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा सख्ती के आदेश दिए गए हैं। इसके अलावा प्रदेश के विदिशा राजगढ़ सीहोर, मंदसौर और रायसेन कलेक्टर्स द्वारा 31 मई तक कोरोना कर्फ्यू बढ़ाने का ऐलान किया गया है।
कोरोना की बैठक करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इन सभी जिलों में अगले 10 दिन तब ढिलाई ना बरतने और सारी मेहनत को शुरू से संचालित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अगले दिन बहुत महत्वपूर्ण है। 10 दिन तक सख्ती बढ़ाई जाए वरना सारी मेहनत पर पानी फिर जाएगा।
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सीएम शिवराज (CM Shivraj) ने कहा कि कोरोना कर्फ्यू के बाद से केसों में लगातार कमी देखी जा रही है। यह अच्छे आंकड़े हैं लेकिन हमें टेस्टिंग ट्रेसिंग पर ध्यान देने की जरूरत है। इसके साथ ही उन्होंने सभी जिले के प्रभारियों से अपील की है कि अपने अपने इलाके में संक्रमण की चेन को तोड़ने का प्रयास करते रहे। कोरोना संक्रमण न फैले। इसके लिए टेस्टिंग और ट्रेसिंग को बढ़ाया जाए।
ज्ञात हो कि मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 1 जून से प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन खोला जाएगा। इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की कोशिश है कि पॉजिटिविटी रेट को शून्य पर लाया जाए। हालांकि कर्फ्यू लगाने के बाद से संक्रमण की रफ्तार में कमी देखी गई है। वही सरकार द्वारा टीकाकरण पर जोर दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश के बाद यह तो तय है कि अगले 10 दिन मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इन 10 दिनों में प्रशासन द्वारा लगातार सख्ती बरती जाएगी। जिसकी शुरुआत इंदौर से की जा चुकी है।