नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। एक तरफ जहां 1 अप्रैल से ईपीएफओ के कर्मचारियों (EPFO Employees) को बड़ा झटका लगने वाला है। वहीं दूसरी तरफ जल्द ही उन्हें बड़ा लाभ दिया जा सकता है। दरअसल कर्मचारी भविष्य निधि (Employees Provident Fund) के कर्मचारियों के पेंशन लिमिट (Employees Pension Limit) पर जल्द बड़ा फैसला लिया जा सकता है कि 2022 में उनकी पेंशन को दुगना किया जा सकता है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में सुनवाई चल रही है। जल्द इसपर बड़ा फैसला लिया जा सकता है।
इसके लिए लेबर मिनिस्ट्री द्वारा एंप्लाइज पेंशन स्कीम के तहत पेंशन की रकम को बढ़ाने के प्रस्ताव सामने आए हैं। जिसके बाद संसद की स्थाई समिति में भी इसे दुगना करने को लेकर सिफारिश की गई थी। इसके अलावा एक अप्रैल से ईपीएफ से जुड़े एक अन्य में बड़ा बदलाव किए जा रहे थे। सभी कर्मचारी भविष्य निधि खाते में कर्मचारी का योगदान पिछले वित्तीय वर्ष में 2.5 लख रुपए से अधिक है तो उसे अधिक से योगदान पर अर्जित ब्याज पर कर देना होगा। योग्य ब्याज की गणना के लिए एक नया ईपीएफ खाता भी तैयार किया जाएगा।
इस मामले में रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने राज्यसभा में जवाब देते हुए कहा था कि पेंशन की रकम तय करने के लिए फॉर्मूले पहले से निश्चित किए जाते हैं। सरकार ने 2014 में EPS 1995 के तहत पेंशनर्स को हजार रुपए प्रतिमाह की न्यूनतम पेंशन शुरू की थी। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन को इपीएस के तहत सालों ने मिलने वाले वेतन के 1.16 की बजटीय सहायता अतिरिक्त है।
MP Transfer : नगरीय विकास एवं आवास विभाग में थोकबंद तबादले, देखें लिस्ट
नवीन जानकारी के विधायक मंत्री ने कहा कि कर्मचारी पेंशन योजना के पेंशनर्स की मांग पर विचार करने के लिए उच्च अधिकार प्राप्त निगरानी समिति का गठन किया गया है। जो ईपीएस 1995 के मूल्यांकन और समीक्षा करेगी। इसके आधार पर नवीन प्रक्रिया शुरू की जाएगी। जिसके बाद ही पेंशन की राशि को बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है।
वही जारी गठित समिति द्वारा eps-95 के मुद्दे पर भी विचार किया गया और EPS-95 के तहत स्वीकार पेंशन को कॉस्ट ऑफ लिविंग इंडेक्स से ना जोड़ने की सिफारिश की गई है। जानकारी के मुताबिक एम्पलाई पेंशन स्कीम के तहत पेंशन के लिए ₹15000 की हर महीने की कैंपिंग लगी है। इसे हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। जिसकी सुनवाई चल रही है। वहीं यदि इस वर्ष ईपीएस पर लगी कैंपिंग को हटाया जाता है तो कर्मचारियों के पेंशन में 7500 से ज्यादा का इजाफा देखने को मिलेगा।
राज्यसभा सदस्य एम षणमुगम द्वारा सवाल पूछा गया था जिसमें जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि अभी पेंशन तय करने के लिए फार्मूला तय किया गया है। ईपीएस 1995 सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत कर्मचारियों के पेंशन तय होते हैं। इसके लिए कर्मचारियों का योगदान 12 फीसद होता है जबकि नियोक्ता को 8.33 फीसद का भुगतान करना पड़ता है। वहीं 3.67 फीसद की रकम ईपीएस के खाते में जाती है।
अभी के गणना के मुताबिक यदि कर्मचारी को ₹15000 बेसिक वेतन के हिसाब से EPS दिए जा रहे हैं तो उन्हें 8.33 फीसद की दर से 1250 रूपए का योगदान होगा। जबकि बाकी रकम ईपीएस के खाते में जाएगी। इस मुताबिक 15000 बेसिक पर पेंशन प्रतिमाह 15000*15/70 की दर से 3214.28 रुपए महीना बनेगा। इस पेंशन की राशि कब तक खाते में 14 साल 7 महीने तक योगदान किया गया हो।