विजयवाड़ा, डेस्क रिपोर्ट। कर्मचारियों (Employees) द्वारा लगातार सेवानिवृत्ति आयु (Retirement Age) को बढ़ाने की मांग की जा रही है। कई राज्य सहित केंद्र सरकार के कर्मचारियों भी सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने की मांग (Retirement age hike) की मांग कर रहे हैं। इसी बीच एक प्रदेश सरकार द्वारा सेवानिवृत्ति आयु को 2 वर्ष के लिए बढ़ाया गया था। दरअसल उनके रिटायरमेंट आयु 60 से बढ़ाकर 62 वर्ष किए गए थे। अभी को फिर से वित्त विभाग ने आदेश जारी किया है, जो कर्मचारियों के लिए जानना बेहद आवश्यक है।
वित्त विभाग ने एक परिपत्र ज्ञापन जारी किया है। जिसमें कहा गया कि 31 जनवरी 2022 को एक आदेश जारी किया गया था। जिसमें सेवानिवृत्ति आयु को 60 वर्ष से बढ़ाकर 62 वर्ष किए गए थे। इसके लिए केवल वही अधिकारी और कर्मचारी पात्र होंगे, जो राज्य के मामले से संबंधित हो। इसके अलावा राज्य के संबंध में सार्वजनिक सेवा और पदों पर नियुक्त लोगों पर ही नियम लागू होते हैं।
किसी भी स्थानीय प्राधिकरण में कार्यरत अन्य कर्मचारी, जिनके वेतन और भत्ते का भुगतान संचित निधि से किया जाता है और जो राज्य विधानमंडल के साधनों के सचिवालय कर्मचारियों के लिए नियुक्त किए जाते हैं। इसके सहित अन्य कर्मचारी और अधिकारी जिन की सेवा की शर्तो बनाए गए अधिनियम के प्रारंभ से पहले भारत के संविधान के अनुच्छेद 309 के प्रावधान ग्राम अधिकारी और कानून अधिकारियों के अलावा अधिनियम के शुरू होने के पहले या बाद में नियुक्त किए गए हो, उन पर सेवानिवृत्ति के बढ़े हुए आयु सीमा के नियम लागू होंगे।
दरअसल राज्य सरकार द्वारा 1 जनवरी से प्रभावी एपी लोक रोजगार 1984 के तहत शासन के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु को बनाने का निर्णय लिया गया था। कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु को 2 वर्ष के लिए बढ़ाने के साथ ही बाद में इसके लिए आदेश जारी किए गए थे। राज्य विधायिका ने इसे मंजूरी दे दी थी। हालांकि 19 अप्रैल 2022 को एक और साधारण गजट अधिसूचना भी जारी की गई थी।
सेवानिवृत्ति आयु बनाए जाने की सूचना के बाद कई ऐसे मामले सरकार के ध्यान में है। जिसमें कुछ सार्वजनिक उपक्रम के अलावा निगम संस्थान, कंपनी सोसाइटी सहित शैक्षणिक संस्थान विद्यालय के गैर शिक्षण कर्मचारी की सेवानिवृत्ति आयु को भी 60 से बढ़ाकर 62 वर्ष किए जाने के आदेश जारी कर दिए थे।
अब वित्त विभाग ने अपने ज्ञापन में स्पष्ट किया है कि सरकारी सार्वजनिक उपक्रम, निगम संस्थान, कंपनी सोसाइटी सहित शैक्षणिक संस्था, विद्यालय के गैर शिक्षण कर्मचारी के सेवानिवृत्ति आयु के बनाने के नियम स्थापित सरकारी प्रक्रिया और व्यवसाय के नियमों का उल्लंघन है। प्रक्रिया के अनुसार समय की हानि के बिना तत्काल इसे सही किया जाए। इस मामले में विशेष मुख्य सचिव वित्त एसएस रावत ने आदेश जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि जिम्मेदार लोगों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।