रायपुर, डेस्क रिपोर्ट। प्रदेश सरकार द्वारा मानदेय में सालाना 9000 रुपए की बढ़ोतरी (Honorarium hike) के बाद आखिरकार कर्मचारियों (Employees) ने अपने अनिश्चितकालीन हड़ताल को वापस ले लिया है। इससे पहले सीएम के निवास (CM House) कार्यालय में पहुंचकर कर्मचारी संघ ने सीएम से मुलाकात की थी। इस दौरान मासिक मानदेय में बढ़ोतरी की मांग की गई थी। जिस पर सीएम द्वारा सहमति प्रदान की गई था।
अब मासिक मानदेय में 300 रुपए की वृद्धि के साथ ही कर्मचारियों को अब सालाना 9000 रूपए अतिरिक्त प्राप्त होंगे। अंशकालीन स्कूल सफाई कर्मचारी संघ ने अपने अनिश्चितकालीन काम बंद हड़ताल को आज वापस ले लिया और काम पर लौट आए हैं। इस संबंध में सूचना पत्र संघ की ओर से स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव को सौंपा गया है।
इससे पहले संघ द्वारा सीएम से मुलाकात कर दो बिंदुओं पर समस्याओं के निदान की मांग की गई थी। जिस पर मुख्यमंत्री ने स्कूल में कार्यरत अंशकालीन स्कूल सफाई कर्मचारी के मासिक मानदेय में विशेष अनुदान के तहत वृद्धि का निर्णय लिया था। वही उन्हें 300 रूपए प्रति माह की बढ़ोतरी की स्वीकृति दी गई थी।
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छत्तीसगढ़ में स्थिति गंभीर है। 22 अगस्त से कई कर्मचारी संगठन महंगाई भत्ते और अन्य वस्तुओं की मांग पर हड़ताल कर रहे हैं। प्रदेश के कर्मचारी जहां एक तरफ केंद्र के समान 34% महंगाई भत्ते की मांग कर रहे हैं। वही फिलहाल प्रदेश सरकार द्वारा उन्हें 22 फीसद उपलब्ध कराया जा रहा है।इससे पहले 16 अगस्त को विभाग द्वारा 6% महंगाई भत्ते बढ़ाने का आदेश जारी किया गया था जबकि कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें 12% महंगाई भत्ता बढ़ाकर दिया जाना चाहिए। ऐसे में कर्मचारी संघ 22 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं।
स्कूल के अंशकालीन सफाई कर्मचारियों की हड़ताल शुरू होने के बाद स्कूल और शैक्षणिक व्यवस्था प्रभावित हो रही थी। जिस पर कर्मचारी संघ द्वारा सीएम से मुलाकात की गई थी। वही सीएम ने उनकी मांग को देखते हुए मानदेय में वृद्धि की घोषणा कर दी है। हालांकि अब तक शासकीय कर्मचारियों की मांग पर सरकार ने चुप्पी साधी हुई है जबकि पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह भी कर्मचारी संगठन के साथ आ गए हैं। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में 34% डीए है। छत्तीसगढ़ को भी कर्मचारियों को 34% डीए का लाभ देना होगा।