नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने फिर से Employees-Teachers को बड़ी राहत दी है। दरअसल उनके रिटायरमेंट उम्र (Retirement age) 65 वर्ष की जाने को लेकर आदेश जारी किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मध्यप्रदेश (MP) के सरकारी सहायता प्राप्त निजी शिक्षण संस्थानों (private institution) के शिक्षक 65 वर्ष की बढ़ी उम्र का लाभ पाने के हकदार हैं और उन्हें 65 वर्ष में सेवानिवृत्ति लाभ मिलना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अनुदान प्राप्त शिक्षकों के संगठन की अपील पर सुनवाई करते हुए बड़ा फैसला दिया है।
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वहीं अब अनुदान प्राप्त स्कूल के शिक्षक की रिटायरमेंट उम्र 65 वर्ष रहेगी। इससे पहले ही मामला मध्य प्रदेश के हाई कोर्ट में पहुंचा था जहां संगठन की अपील को खारिज कर दिया गया था। वही कहा गया था कि निजी शिक्षकों के लिए रिटायरमेंट के निर्धारित उम्र 60 वर्ष ही रहेगी। इस फैसले के खिलाफ संगठन सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। जिसके बाद जस्टिस जस्टिस बीवी नागरथना की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए गुरुवार को बड़ा फैसला दिया। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट का आदेश गलत है और निजी शिक्षकों को भी शासकीय शिक्षकों की तरह 65 वर्ष में रिटायरमेंट पानी का पूर्ण अधिकार है।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने डॉ एससी जैन में उच्च न्यायालय द्वारा लिए गए विचार को खारिज कर दिया और कहा कि निजी स्कूल के शिक्षक 65 वर्ष की बढ़ी हुई आयु का लाभ पाने के हकदार हैं। उच्चतम न्यायलय ने आरएस सोहाने मामले में पक्षकारों को बकाया वेतन का दावा करने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की भी अनुमति दी है
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अनुदान प्राप्त स्कूलों के शिक्षकों को भी सरकारी की तरह 65 साल नौकरी करने का अधिकार है और उन्हें यह अधिकार मिलना चाहिए। ज्ञात हो कि 2017 में यह मामला मध्य प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा खारिज कर दिया गया था जिसके बाद से यह सिर्फ अदालत में विचाराधीन था। सुप्रीम कोर्ट ने फिर दोहराया कि मध्य प्रदेश में सरकारी सहायता प्राप्त निजी शिक्षण संस्थानों के शिक्षक 65 वर्ष की बढ़ी हुई सेवानिवृत्ति की आयु का लाभ पाने के हकदार हैं।
न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना की पीठ ने SLP पर विचार करते हुए MP High court के 9 मई, 2017 के आदेश पर विचार करते हुए अवलोकन किया, जिसके द्वारा High court ने अपीलकर्ता की अपील को खारिज कर दिया था । इससे पहले Retirement Age में भेद देखते हुए अपीलकर्ता ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया लेकिन चूंकि MP High court की पूर्ण पीठ ने डॉ. एस.सी. मध्य प्रदेश राज्य ने यह विचार किया कि सहायता प्राप्त निजी शिक्षण संस्थानों में कार्यरत शिक्षक 65 वर्ष की बढ़ी हुई सेवानिवृत्ति की आयु का लाभ पाने के हकदार नहीं हैं, जिसके बाद अपीलकर्ता की याचिका खारिज कर दी गई थी।
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चूंकि अपीलकर्ता की याचिका को उच्च न्यायालय ने डॉ SC Jain पर भरोसा करते हुए खारिज कर दिया था, इसलिए उसने Supreme court का दरवाजा खटखटाया और Supreme court ने अब सुनवाई के बाद फैसला देते हुए कहा कि निजी शिक्षकों को सेवानिवृत्ति की बढ़ी हुई आयु (Retirement age) यानी 65 वर्ष तक जारी रखने का हकदार है और वो सभी आर्थिक लाभों के हकदार होंगे जैसे कि वह 65 वर्ष की आयु तक जारी रहेगा।