नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। सरकारी कर्मचारियों (Government Employees) के लिए बड़ी खबर है। सातवें केंद्रीय वेतन आयोग (7th pay commission) के लेवल 1 (Level 1) तक के रेलवे कर्मचारियों के रात्रि ड्यूटी भत्ते (Night duty allowance) के भुगतान पर स्पष्टीकरण आदेश जारी किया गया है। स्पष्टीकरण आदेश में इसके लिए नियम और शर्तें तय की गई है। इसके अलावा मूल वेतन 43600 रुपए होने पर कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के निर्देश के अनुसार रात्रि ड्यूटी भत्ते की राशि का भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा। जिसके लिए रेल मंत्रालय (Rail Ministry) ने आदेश जारी करते हुए नियम और शर्तों पर स्पष्टीकरण दिया है।
जारी आदेश में कहा गया है कि कृपया बोर्ड के दिनांक 29.09.2020 के समसंख्यक पत्र (आरबीई सं. 83/2020) का संदर्भ लेने को कहा गए है , जिसके तहत बोर्ड के दिनांक 08.03.2018 के समसंख्यक पत्र (आरबीई सं. 36/2018) के पैरा 2 को विधिवत रूप से संशोधित किया गया है, जिसमें सीलिंग का एक खंड शामिल है। मूल वेतन रु. 43600/- कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के निर्देशों के अनुसार रात्रि ड्यूटी भत्ता की पात्रता के लिए स्पष्ट निर्देश जारी करते हुए नियम और शर्तें तय की गई है।
बोर्ड के निर्देश जारी होने के बाद दि. दिनांक 29.09.2020 को रात्रि डयूटी भत्ते की पात्रता हेतु मूल वेतन सीमा को समाप्त करने के लिए संघों/संघों की मांग प्राप्त हुई है। DoP&T और MoF(DoE) के परामर्श से मामले की जांच की गई है और यह निम्नानुसार निर्णय लिया गया है:
Night Duty aloowance रेल मंत्रालय के सभी पात्र अराजपत्रित कर्मचारियों को वेतन स्तर – 7वे वेतन स्तर -( 8 में एमएसीपी का लाभ प्रदान करने वाले सहित) तक प्रदान किया जा सकता है। हालांकि NDA की प्रति घंटा की दर से काम करने के लिए अधिकतम मूल वेतन 43600/- अर्थात बोर्ड के समसंख्यक पत्र दिनांक दि. 29.09.2020 द्वारा निर्धारित सीमा रुपये रहेगा।
वहीँ एनडीए को अनुदान देने के लिए अन्य नियम और शर्तें अपरिवर्तित रहेंगी। इसके अलावा ये निर्देश अनंतिम रूप से 04.07.2022 अर्थात इस विषय पर वित्त मंत्रालय द्वारा अनुमोदन जारी करने की तिथि से प्रभावी होंगे। आदेश को रेल मंत्रालय के वित्त निदेशालय की सहमति से जारी किया जा रहा है।
Night duty Allowance की रिकवरी का मुद्दा भी कर्मचारियों द्वारा उठाया जा रहा है। वहीँ भत्ते की रिकवरी के मुद्दे पर बोलते हुए स्पष्ट किया गया है। इसके लिए निर्देश- प्रभाव की तिथि मामले को स्पष्टीकरण के लिए वित्त मंत्रालय-व्यय विभाग के पास अलग से भेजा जाएगा। जिसपर निर्देश आते ही प्रक्रिया शुरू की जाएगी।