जबलपुर, डेस्क रिपोर्ट। हाईकोर्ट (MP high court) ने अधिकारियों (MP Employees) के बारे में बार-बार के तबादले (Transfers) पर निर्देश जारी कर दिए हैं। हाई कोर्ट ने साफ किया कि तबादला नीति का पालन अनिवार्य है। उसके अभाव में तबादला पूरी तरह से बेकार हो जाता है। वही मामले में फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि इस फैसले में दुर्भावना झलक रही है इसलिए अधिकारी को अंतरिम राहत दी गई है।
हाईकोर्ट ने कहा है कि गलती का सुधार किया जाए और ऐसा न करने की स्थिति में विभाग के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की जा सकती है। बता दे न्यायमूर्ति धर्माधिकारी की एकल पीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता छतरपुर निवासी कौशलेंद्र सिंह परमार की ओर से वकील प्रमोद सिंह तोमर ने दलील देते हुए कहा कि शासकीय सेवा तबादला नियम के अनुसार 3 वर्ष में एक बार तबादला किया जाना चाहिए।
हाईकोर्ट ने दी बड़ी राहत, 37,000 को मिलेगा लाभ, खाते में सीधे भेजी जाएगी राशि
बावजूद इसके कौशलेंद्र सिंह परमार उप पुलिस अधीक्षक को बतौर सेवा कोई शिकायत नहीं होने के कारण भी एडीजी ने छतरपुर से पीएचक्यू भोपाल स्थानांतरण कर दिया। वही 25 मार्च 2022 को यह आदेश जारी होने के बाद 29 मार्च 2022 को एसपी छतरपुर से रिलीव कर दिया गया।
जबकि 9 सितंबर 2020 को छतरपुर से टीकमगढ़ स्थानांतरण देते हुए कार्यवाहक उप पुलिस अधीक्षक को टीकमगढ़ भेजा गया वही 12 जुलाई 2021 को टीकमगढ़ से वापस उन्हें छतरपुर ट्रांसफर किया गया इस मामले में 5 अप्रैल 2022 को अभ्यावेदन सौंपा गया लेकिन इस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है जिस पर हाईकोर्ट ने कर्मचारी को राहत देते हुए डीएसपी के बार-बार के तबादले को अनुचित माना है और विभाग को इसमें सुधार करने के निर्देश दिए हैं।