हाईकोर्ट ने कर्मचारी-पेंशनर्स को दी बड़ी राहत, 2006 से मिलेगा छठे ग्रेड पे का लाभ, एरियर्स भी मिलेगा, शासन को बड़ा झटका

Kashish Trivedi
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हल्द्वानी, डेस्क रिपोर्ट। हाई कोर्ट को फिर से कर्मचारियों (Employees) को बड़ी राहत दी है। दरअसल उच्च न्यायालय (High court) के आदेश अनुसार अब कर्मचारियों को छठे ग्रेड (6th grade pay) पर के मुताबिक लाभ दिया जाएगा। उन्हें यह लाभ 2006 से उपलब्ध कराया जाएगा। मामले में सुनवाई के बाद सरकार की विशेष अपील को निरस्त करते हुए खंडपीठ ने एकल पीठ के आदेश को बरकरार रखा है। वही सरकार को आदेश दिए हैं कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को छठवें ग्रेड पे का लाभ 1 जनवरी 2006 से उपलब्ध कराया जाए।

बता दें कि मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और आरसी खुल्बे की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई की गई। जिसपर सरकार ने एकल पीठ के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए स्पेशल अपील दायर की थी। इससे पहले चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ द्वारा 2019 में याचिका दायर की थी। जिसमें कहा गया था कि सरकार द्वारा उन्हें छठवें ग्रेड पे का लाभ 2011 से दिया जा रहा है। वही याचिका में यह भी कहा गया था कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के चार ग्रेड पे है। जिसे सरकार ने 2008 में मर्ज कर दिया था और इसे अट्ठारह सौ रुपए कर दिया था। वही चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए इसे 24 मार्च 2011 से लागू किया गया है। जिसे कर्मचारियों द्वारा कोर्ट में चुनौती दी गई थी।

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याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने कर्मचारियों को यह लाभ 1 जनवरी 2006 से देने के आदेश दिए थे। जिस पर राज्य सरकार द्वारा खंडपीठ में विशेष अपील दायर की गई थी। हालांकि अब खंडपीठ द्वारा भी एकल पीठ के आदेश को बरकरार रखा गया है। इसका फायदा 1000 कर्मचारियों को मिलेगा। बड़ी संख्या में कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। उनको भी 2006 से इस मामले में एरियर दिया जाएगा। वहीं कर्मचारियों के वेतन में व्यापक स्तर पर वृद्धि होगी।

5 साल के एरियर उन्हें उपलब्ध कराए जाएंगे। साथ ही उन्हें नवीन ग्रेड पे के लाभ उपलब्ध होंगे। रिटायर कर्मचारियों को जहां एरियर्स का लाभ दिया जाएगा। वहीं इस मामले में कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष दीवान सिंह नेगी का कहना है कि हाईकोर्ट में 2006 से ग्रेड वेतनमान का लाभ देने के आदेश जारी किए जा चुके हैं। ऐसी स्थिति में कर्मचारियों को बड़ा लाभ मिलेगा और कर्मचारियों के पक्ष में फैसला आया है और राज्य शासन की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया गया। कर्मचारी काफी संतुष्ट हैं।


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