दिल्ली में इस बार मानसून समय पर आ रहे है। 27 जून को जिले में मानसून के दस्तक के साथ ही मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। हालांकि इस वर्ष मानसून के सामान्य रहने की संभावना जताई गई थी जबकि पूर्वी और दक्षिणी राज्यों में मानसून का कहर देखने को मिल रहा है 15 से 17 राज्यों में भारी बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हुआ है।
इधर 13 जुलाई को पिछले साल मानसून की दस्तक दिल्ली में देखने को मिली थी। वही यूपी- बिहार-झारखंड-पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में आज बूंदाबांदी की संभावना जताई गई है। न्यूनतम तापमान 26 डिग्री व अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस तक रहने के आसार नजर आसमान में बादल छाए रहेंगे। तेज हवा चलने से मौसम में नमी खुली रहेगी।
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उड़ीसा, आंध्र प्रदेश, केरल-कर्नाटक-तमिलनाडु, महाराष्ट्र और गोवा की बात करें तो भारी बारिश का दौर इन राज्यों में जारी है। इन राज्यों में भारी बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति निर्मित हो गई है। जनजीवन अस्त व्यस्त होने के साथ ही मौसम में राहत देखने को मिल रही है। हालांकि अभी 5 दिनों तक लगातार इन राज्यों में बारिश का दौर जारी रहेगा।
मॉनसून की उत्तरी सीमा (एनएलएम) अभी भी उत्तर प्रदेश के चुर्क, मध्य प्रदेश के शिवपुरी और रीवा, गुजरात के पोरबंदर और वडोदरा से गुजर रही है। आईएमडी के एक बयान के अनुसार, शेष गुजरात, मध्य प्रदेश, पूरे बिहार और उत्तर पश्चिम भारत के कुछ क्षेत्रों में सप्ताह के अंत तक दक्षिण-पश्चिम मानसून की बारिश होने का अनुमान है।
बारिश / गरज के पूर्वानुमान और चेतावनी:
27 जून, 2022 से शुरू होकर, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में निचले स्तर की पूर्वी हवाओं के आने के कारण बारिश की गतिविधि तेज होने का अनुमान है। उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में 27 और 28 जून को हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान है।
इधर पूर्वी राज्यों की बात करें तो केरल कर्नाटक तमिलनाडु सहित नागालैंड और सिक्किम में भी भारी बारिश से आवागमन सहित कई अन्य दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल में आई बाढ़ से अब तक 100 से अधिक लोगों की मृत्यु हो चुकी है। वही भूस्खलन सहित कई जगह पर सड़कों के टूटने से आवागमन प्रभावित हुए हैं।
पर्वतीय राज्यों की बात करें तो हिमाचल सहित उत्तराखंड लेह लद्दाख-कश्मीर में जल्दी मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। हालांकि आज हिमाचल में मौसम साफ रहेगा। कुछ जगह पर बादल घिरने और तेज हवा चलने की संभावना जताई गई है। वहीं सोमवार से हिमाचल सहित उत्तराखंड लद्दाख और जम्मू कश्मीर में मौसम में परिवर्तन की संभावना जताई गई है। पांच सिस्टम एक्टिव होने के कारण पश्चिमी विक्षोभ का भी असर पर्वतीय राज्य में देखने को मिलेगा।
अपतटीय ट्रफ रेखा के कारण अगले पांच दिनों में कर्नाटक, कोंकण और गोवा, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, केरल और माहे और लक्षद्वीप में गरज / बिजली के साथ व्यापक वर्षा होने की संभावना है। महाराष्ट्र के तट से दूर अरब सागर, और निचले क्षोभमंडल स्तरों में पश्चिमी तट के साथ तेज पछुआ हवाएं। 27 जून तक दक्षिण गुजरात राज्य में भारी बारिश हो सकती है, साथ ही मध्य महाराष्ट्र के घाट क्षेत्रों में 26 जून तक, उत्तरी आंतरिक कर्नाटक में आज से और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में आज से दो दिनों तक भारी बारिश हो सकती है।
बंगाल की खाड़ी से उत्तर-पूर्व और उससे सटे पूर्वी भारत में दक्षिण-दक्षिण-पश्चिमी हवाओं के प्रभाव के कारण अगले पांच दिनों में पूरे पूर्वोत्तर भारत, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में व्यापक वर्षा होने की संभावना है। अगले पांच दिनों के लिए उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय और नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में अलग-अलग जगहों पर भारी बारिश की संभावना है, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल में 26 जून से 28 जून तक, साथ ही अरुणाचल प्रदेश में 27 और 28 जून को, अलग-अलग स्थानों पर भीषण से बहुत भारी वर्षा संभव है।