नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। 20 मई के बाद मानसून (Monson 2022) की पहली दस्तक और पश्चिमी विक्षोभ (western disturbance) के एक्टिव होने के बाद 17 से अधिक राज्यों में बारिश (rain alert) देखने को मिलेगी। IMD Alert ने देश के 8 राज्यों में 18 मई तक हीटवेव का अलर्ट (heatwave Alert) जारी किया गया है। दरअसल 8 राज्यों में गर्मी और लू का अलर्ट जारी करने के साथ ही IMD Alert ने इस साल मानसून को लेकर बड़ी खुशखबरी दी है दरअसल मानसून की दस्तक देने वाला है। 16 मई तक मानसून के अंडमान निकोबार तक पहुंचने के बाद 17 मई को मानसून की पहली बारिश देखने को मिल सकती है।
इसके अलावा केरल में मानसून 26 मई तक प्रवेश करेगा। केरल में मानसून की एंट्री के साथ ही देश के कई राज्यों में एक साथ मौसम में बदलाव की स्थिति देखने को मिलेगी। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो 5 दिन के बाद अंडमान निकोबार दीप समूह में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। इसके साथ ही गरज चमक के साथ बिजली गिरने के भी अनुमान जताया गए हैं। केरल में मानसून की शुरुआत 1 जून से देखने को मिलेगी। 1 जून से लगातार बारिश से केरल का माहौल सुहावना बना रहेगा।
18 मई तक अंडमान निकोबार द्वीप समूह में व्यापक रूप से हल्की बारिश की संभावना जाहिर की गई है। इस द्वीप समूह में 14 से 16 मई तक बारिश का अनुमान जताया गया है। इसके अलावा 7 राज्यों में हीटवेव का अलर्ट जारी किया गया है। राजधानी दिल्ली के अलावा हरियाणा, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, चंडीगढ़, राजस्थान में तापमान 44 डिग्री से 46 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की संभावना जाहिर की गई है वहीं बिहार, झारखंड के कुछ हिस्से में लू का अलर्ट जारी किया गया है।
इसके साथ ही दक्षिणी राज्यों की बात करें तो केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु, उड़ीसा, आंध्र में मध्यम और भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। गरज चमक के साथ बिजली की संभावना जताई गई है। वही Monsoon 2022 की बात करें तो केरल में मानसून आम तौर पर 1 जून को पहुंच जाता है। वही हफ्ते के 10 दिन के बाद मुंबई में मानसून की दस्तक होगी। दिल्ली एनसीआर उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में लू चलने की संभावना जाहिर की गई है। पश्चिमी मानसून की वजह से 25 मई तक केरल में वर्षा देखने को मिल सकती है।
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पूर्वी हिस्से की बात करें तो असम, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम और नागालैंड में बारिश का दौर जारी है। लगातार बारिश देखने को मिल रही है। तापमान में गिरावट से मौसम सुहावना बना हुआ है। 22 मई तक 17 राज्यों में बारिश का अलर्ट जारी किया गया वहीँ 8 राज्यों में ही हीटवेव चेतावनी के साथ मौसम विभाग ने 18 मई से मौसम में बदलाव की संभावना जताई है।
दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के नजफगढ़ में शुक्रवार को पारा 46 डिग्री सेल्सियस (डिग्री सेल्सियस) के पार जाने के साथ, पिछले एक हफ्ते से लू की चपेट में भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा है कि शनिवार को शहर में एक “भीषण गर्मी” आएगी। रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के बेस वेदर स्टेशन सफदरजंग में शुक्रवार को अधिकतम तापमान 42.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से तीन डिग्री अधिक है, जबकि नजफगढ़ में अधिकतम तापमान 46.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
दिलचस्प बात यह है कि रविवार के लिए “येलो” अलर्ट है, अधिकांश स्टेशनों पर 44-46 डिग्री सेल्सियस के समान उच्च स्तर की उम्मीद है। दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के जफरपुर कलां में दूसरा उच्चतम तापमान 45.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, इसके बाद मुंगेशपुर में 45.4 डिग्री सेल्सियस और पीतमपुरा में 44.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जिसमें सभी चार मौसम स्टेशनों में हीटवेव की स्थिति दर्ज की गई। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) मैदानी इलाकों में एक हीटवेव की घोषणा करता है यदि अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक और सामान्य से 4.5 डिग्री अधिक है, इस मानदंड को लगातार दो दिनों तक संतुष्ट किया जाता है।
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हालांकि, मौसम विभाग के अधिकारियों ने सप्ताहांत के बाद कुछ राहत मिलने का अनुमान जताया है क्योंकि ताजा पश्चिमी विक्षोभ सोमवार के कारण पारा घटकर 41 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की उम्मीद है। शुक्रवार को तापमान लगभग गुरुवार के समान था। हालांकि नजफगढ़ ने 46 डिग्री का आंकड़ा पार किया। पूर्वानुमान के मुताबिक, शनिवार और रविवार की तुलना में शनिवार को अधिकतम तापमान दर्ज होने की संभावना है। सोमवार से, दिल्ली में आसमान में बादल छाए रहेंगे और गरज के साथ बारिश होगी, जिससे अधिकतम तापमान 41-42 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाएगा।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने शुक्रवार को घोषणा की कि दक्षिण-पश्चिम मानसून 27 मई को केरल में स्थापित होने की संभावना है, जो कि 1 जून की अपनी सामान्य तिथि से काफी पहले है। यदि पूर्वानुमान सही निकला, तो कम से कम 2009 के बाद से केरल में मानसून की यह सबसे शुरुआती शुरुआत होगी।
प्रशांत महासागर और हिंद महासागर में विपरीत वायुमंडलीय परिस्थितियों से मानसून के मौसम की पहली छमाही के दौरान सामान्य से सामान्य से अधिक वर्षा हो सकती है और बुवाई के लिए शुभ संकेत हो सकते हैं। हालांकि, मौसम की दूसरी छमाही में अस्थिर बारिश हो सकती है जिससे सिंचाई प्रभावित हो सकती है। मौसम विज्ञान और जलवायु के अध्यक्ष जीपी शर्मा ने कहा ला नीना और हिंद महासागर डिपोल के बीच एक लड़ाई हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप पहले दो महीनों के दौरान सामान्य मानसून होता है, लेकिन मानसून के दूसरे भाग के दौरान बारिश रुक सकती है या अस्थिर हो सकती है।
मौसम विज्ञान ब्यूरो के नवीनतम अपडेट के अनुसार ऑस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय मौसम, जलवायु और जल एजेंसी, प्रशांत महासागर में समुद्री और वायुमंडलीय घटना ला नीना उष्णकटिबंधीय प्रशांत महासागर में सक्रिय रहता है। IMD के मुताबिक समुद्र की सतह के तापमान का एक अनियमित दबाव है। जिसमें पश्चिमी हिंद महासागर समुद्र के पूर्वी भाग की तुलना में बारी-बारी से गर्म और फिर ठंडा हो जाता है।