जबलपुर, डेस्क रिपोर्ट मध्य प्रदेश में नई तबादला नीति (new transfer policy) को मंजूरी दे दी गई है। नई तबादला नीति के तहत ही मध्यप्रदेश में अगस्त महीने में अधिकारियों कर्मचारियों के तबादले (MP Transfer) किए गए थे। हालांकि इन तबादलों में कई तरह की खामियों के बाद हाईकोर्ट (high court) द्वारा कई तबादला आदेश को निरस्त कर दिया गया है। इस बीच अब नया मामला सागर जिले से सामने आया है।
दरअसल सागर निवासी लैब अटेंडेंट कविता चौबे का तबादला मनमानी तरीके से किया गया है जिसे हाईकोर्ट द्वारा निरस्त कर दिया गया है। जानकारी के मुताबिक याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता मोहन लाल शर्मा शिवम शर्मा ने अपना पक्ष रखा इस दौरान दलील देते हुए कहा गया कि याचिकाकर्ता सागर की हर सेकेंडरी स्कूल में ग्रेड 2 लैब अटेंडेंट के पद पर पदस्थ हैं।
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राज्य शासन की तरफ से जारी किए गए आदेश के मुताबिक उनका तबादला मनमाने तरीके से प्राइमरी स्कूल में कर दिया गया है। वही अधिवक्ता मोहन लाल शर्मा ने सवाल उठाते हुए कहा कि जब प्राइमरी स्कूल में Lab है ही नहीं तो याचिकाकर्ता कविता चौबे का वहां क्या काम है। राज्य शासन की तरफ से जारी तबादले को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। इसके लिए रिट पीटीशन दायर की गई थी।
वही रिट पिटिशन पर 30 दिन के भीतर शिकायत दूर करने के निर्देश दिए गए थे। इस मामले में रिव्यु पीटीशन फाइल किया गया। जिसके बाद मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति नंदिता दुबे ने लैब अटेंडेंट के मनमानी तबादले को निरस्त कर दिया है। वही मूल तथ्य को उचित पाते हुए लैब अटेंडेंट कविता चौबे को अपने मूल स्थान पर कार्यरत रहने के आदेश दिए हैं।
बता दे कि मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार ने नई तबादला नीति जारी करते हुए सख्त निर्देश दिए थे कि तबादला नीति में किसी भी तरह की लापरवाही बरती गई तो इसके सीधे-सीधे जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी होंगे। बावजूद इसके कई तबादला आदेश को त्रुटिपूर्ण मानकर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा उस पर कार्रवाई की गई है और तबादले के आदेश को निरस्त किया गया है।