भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। खरगोन (Khargone Violence) में रामनवमी (ram navmi) की शोभायात्रा पर जमकर हुए पथराव की घटना के बाद फिलहाल पूरे जिले में कर्फ्यू (curfew) लगा दिया गया। हालांकि कलेक्टर का कहना है कि मध्यप्रदेश के खरगोन जिले में भी हालात सामान्य है। इसी बीच बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष VD Sharma ने खरगोन के हादसे पर बड़ा बयान दिया है। VD Sharma ने कहा कि खरगोन हिंसा में पीएफआई का कनेक्शन मिला है और इस तरह की हिंसा के लिए पीएफआई फंडिंग कर रही है।
वही खरगोन हिंसा पर गिरी और जेल मंत्री नरोत्तम मिश्रा (narottam mishra) ने भी उपद्रवियों को सख्त चेतावनी दे दी है गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का कहना कि खरगोन की घटना में भ्रम फैलाने वाले पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। ऐसे मामले में किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। सोशल मीडिया पर अफवाह ना फैलाएं। राज्य शासन ने हिदायत निर्देश जारी करते हुए कहा है कि किसी भी तरह की अफवाह सोशल मीडिया पर वायरल होती है तो उसे वायरल करने वालों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
#Khargone में स्थिति नियंत्रण में है और संदिग्धों पर कानून सम्मत कार्रवाई की जा रही है। जो लोग सोशल मीडिया पर प्रदेश के अमन-चैन से खिलवाड़ करेंगे, उन्हें भी बख्शा नहीं जाएगा। pic.twitter.com/1kt8HjcouO
— Dr Narottam Mishra (Modi Ka Parivar) (@drnarottammisra) April 14, 2022
वहीं बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि ऐसी घटना में पीएफआई फंडिंग करता रहा है और आज भी कर रहा है। उन्होंने इसे सॉफ्ट नक्सलिस्म का नाम दिया है। दिग्विजय सिंह पर हमला बोलते हुए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा ने कहा कि दिग्विजय सिंह जैसे लोग आतंकवाद का समर्थन करते हैं। नक्सलवाद का समर्थन कर रहे हैं।
इतना ही नहीं बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि मध्य प्रदेश की जनता ने उसे पूरी तरह से नकार दिया है और अब सोनिया गांधी ने भी उन्हें ऐसे ही आंदोलन का प्रमुख बनाकर रखा हुआ है। वीडी शर्मा ने कहा कि ऐसे उपद्रव करने मामले में दिग्विजय सिंह की भूमिका की जांच होनी चाहिए।
इधर वीडी शर्मा के बयान पर पलटवार करते हुए कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने भी पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि अगर खरगोन मामले में पीएफआई फंडिंग हुई है तो ऐसे में इंटेलिजेंस फेल हो गया है। पीसी शर्मा ने कहा कि दिल्ली की आईडी और मध्य प्रदेश के इंटेलिजेंस आखिर कर क्या रहे हैं।
पीसी शर्मा ने आगे कहा कि दिग्विजय सिंह की सरकार में कभी भी दंगे नहीं हुए। कांग्रेस के शासन काल में हमेशा मध्यप्रदेश में शांति कायम थी। बीजेपी सरकार में दंगे बढ़ रहे हैं। खरगोन कार्रवाई मामले पर बोलते हुए पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि पत्थरबाजों को मिली सजा सुनने कोई एतराज नहीं है। हालांकि किस कानून के तहत उन पर कार्रवाई की जा रही है। इस बात का उल्लेख किया जाना चाहिए।
मध्य प्रदेश के हिंसा प्रभावित खरगोन शहर में गुरुवार को दो घंटे के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई और केवल महिलाओं को ही आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी के लिए बाहर निकलने की अनुमति दी गई। दंगा प्रभावित शहर में चार दिनों के बाद गुरुवार को सुबह 10 बजे से दी गई छूट के दौरान कई महिलाओं को तेज खरीदारी करते देखा गया।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि हिंसा के सिलसिले में अब तक 121 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। रामनवमी समारोह के दौरान आगजनी और पथराव की घटनाओं के बाद रविवार शाम को खरगोन में कर्फ्यू लगा दिया गया था। खरगोन कलेक्टर अनुग्रह पी ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है। सुबह 10 बजे से प्रदान की गई दो घंटे की छूट के दौरान केवल महिलाओं को अपने घरों से बाहर निकलने और आवश्यक सामान खरीदने की अनुमति दी गई है।
उन्होंने कहा कि दो घंटे के लिए सिर्फ दूध, सब्जी, मेडिकल और राशन की दुकान खोली गई है। पुलिस महानिरीक्षक (इंदौर-ग्रामीण क्षेत्र) राकेश गुप्ता ने बताया कि हिंसा के सिलसिले में अब तक 121 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और उनमें से 89 को जेल भेज दिया गया है। एक अधिकारी ने पहले कहा कि राज्य सरकार ने खरगोन में सांप्रदायिक हिंसा में शामिल लोगों से नुकसान की वसूली के लिए दो सदस्यीय दावा न्यायाधिकरण का गठन किया है। उन्होंने बताया कि ट्रिब्यूनल के गठन के लिए मंगलवार को गजट नोटिफिकेशन जारी किया गया। अधिसूचना में कहा गया है कि सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश डॉ शिवकुमार मिश्रा और राज्य सरकार केपूर्व सचिव प्रभात पाराशर की अध्यक्षता वाला न्यायाधिकरण तीन महीने की अवधि में काम पूरा करेगा।
बता दें कि मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में रामनवमी के दिन हिंसा भड़क गई थी। जहां रामनवमी पर निकल रहे जुलूस में डीजे बजाए जाने को लेकर विवाद हो गया था। सांप्रदायिक हिंसा भड़कने के बाद पत्थरबाजी हुई। जिसके बाद पुलिस को आंसू गैस छोड़ने पड़े थे और इस घटना में एसपी बुरी तरह से चोटिल हो गए थे। वहीं कई घरों और दुकानों में आग लगा दी गई थी जिसके बाद अब तक लगभग 100 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है जबकि दंगाइयों की संपत्ति को भी जमीन दोष कर दिया गया है। इसके साथ ही मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में कर्फ्यू लगा दिया गया है।