भोपाल, डेस्क रिपोर्ट मध्यप्रदेश (MP) में शिवराज सरकार (Shivraj government) लगातार प्रदेश के युवाओं को रोजगार (employment) उपलब्ध कराने के लिए नए-नए संसाधनों की तलाश में है। लगातार बढ़ती बेरोजगारी को देखते हुए सरकारी रोजगार की शुरुआत की थी। इस दौरान अब तक लाखों बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाए जा चुके हैं। वही इस दिशा में शिवराज सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसी बीच ताजा आंकड़ों की बात करें तो मध्यप्रदेश शासन द्वारा संचालित एमपी रोजगार पोर्टल (MP Rojgar portal) पर प्रदेश के लिए 14000 वैकेंसी (vacancy) उपलब्ध है।
यह 14,000 वैकेंसी सरकारी नहीं जबकि प्राइवेट कंपनी में प्रदेश के बेरोजगार युवाओं की भर्ती करेगी। हालांकि प्राइवेट कंपनियों में पारदर्शिता बरतने के लिए और किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी ना होने की दृष्टि से मध्य प्रदेश सरकार द्वारा एमपी रोजगार पोर्टल की शुरूआत की गई है। वहीं अब तक एमपी रोजगार पोर्टल पर 32 लाख 39 हजार युवाओं ने रजिस्ट्रेशन किया है। जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि प्रदेश में बेरोजगार युवाओं की संख्या कुल इतनी ही है। मध्यप्रदेश के बेरोजगार युवाओं को आसानी से नौकरी का पता चले और उसके लिए युवा अप्लाई कर सके। इसके लिए शिवराज सरकार ने एमपी रोजगार पोर्टल की शुरूआत की थी।
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इस दौरान सरकार बेरोजगार और इंग्लैड के बीच मध्यस्थता का काम करती है और बेरोजगार युवाओं के बायोडाटा कंपनी तक पहुंचाती है। मध्यप्रदेश में 32 लाख 39 हजार युवाओं ने भले ही एमपी रोजगार पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कर रखा है लेकिन उसमें से 16,118 एंप्लॉयर एक्टिव अवस्था में है। जबकि प्रदेश में एमपी जॉब पोर्टल पर वैकेंसी 14,184 है।
प्रदेश में युवाओं के लिए सेल्स ऑफिसर, अकाउंट से लेकर टेलीकॉलर और कई तरह के पदों पर वैकेंसी आमंत्रित हैं। बेरोजगार युवा ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं। वही संबंधित जॉब के लिए न्यूनतम वेतन 8000 से अधिकतम वेतन 30000 तक तय की गई है। प्रदेश में बेरोजगार युवा रोजगार की इच्छा रखते हैं और नौकरी करना चाहते हैं तो उसके लिए वह एमपी जॉब पोर्टल पर जाकर वैकेंसी पर अप्लाई कर सकते हैं। इसके लिए आप इस लिंक http://mprojgar.gov.in/ पर भी क्लिक कर सकते हैं।
बता दें कि मुंबई स्थित व्यापार सूचना कंपनी, सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE), के सर्वेक्षण के अनुसा पिछले साल मई में, जब पूरा देश कोरोना महामारी के कारण सख्त लॉकडाउन के दौर से गुजर रहा था, उस दौरान 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों जैसे बिहार, दिल्ली, गोवा, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड से बेहतर थी। कर्नाटक, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, पंजाब, सिक्किम, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी दर 18.7 थी।