भिलाई, डेस्क रिपोर्ट। कर्मचारियों (Employees) के लिए बेहद महत्वपूर्ण खबर है। दरअसल इस साल उन्हें 50000 बोनस का लाभ (bonus) मिल सकता है। संगठन द्वारा बोनस की मांग की जा रही है। वहीं इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि कंपनी को पिछले वित्त वर्ष में 12500 करोड़ रूपए का मुनाफा हुआ है। ऐसे में कर्मचारियों को उनके परफॉर्मेंस (performance) के आधार पर बोनस का भुगतान होना चाहिए।
बोनस देने के लिए अब महज 2 महीने का वक्त बाकी रह गया। दिवाली से पहले कर्मचारियों को मिलने वाले बोनस के लिए प्रबंधन द्वारा नए फार्मूले की जानकारी नहीं दी गई है। कर्मचारी त्योहारी सीजन में मिलने वाले बोनस के फार्मूले की मांग कर रहे हैं। भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मचारियों को हर साल परफॉर्मेंस इंसेंटिव स्कीम (performance incentive scheme) के तहत वित्त वर्ष के परफॉर्मेंस के आधार पर एकमुश्त रकम बोनस के रूप में उपलब्ध कराई जाती है।
इस स्कीम के जरिए कर्मचारियों को 30% हिस्सा प्रॉफिट और 75% टारगेट को अचीव करने पर मिलने वाली राशि में शामिल किया जाता है। दरअसल वित्त वर्ष में कर्मचारियों को टारगेट दिया जाता है। उसे पूरा करने के बाद 70 फीसद राशि का भुगतान किया जाता है।
बता दें कि बीते वित्त वर्ष 2021-22 मैं भिलाई इस्पात संयंत्र को 16000 करोड़ और टैक्स चुकाने के बाद 13000 करोड का मुनाफा हुआ है। जबकि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कंपनी को 776 करोड़ का मुनाफा देखने को मिला है। ऐसे में कर्मचारी संगठन द्वारा नए फार्मूले से बोनस की राशि की मांग की जा रही है। पिछले साल कर्मचारियों को 21000 बोनस दिया गया था। वहीं उन्हें की मांग है कि लाभ के अनुसार उन्हें इस वर्ष 50000 तक बोनस मिलना चाहिए।
स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड द्वारा ना तो बोनस एक्ट में संशोधन किया गया है। वहीँ परफॉर्मेंस इंसेंटिव स्कीम के तहत किए जा रहे भुगतान के नए फार्मूले तय किए गए हैं। जबकि बोनस का निर्धारण करने की बैठक में प्रबंधन ने आश्वस्त किया था कि आगामी वर्ष की लेनी पॉलिसी तैयार कर ली जाएगी। अब बोनस तय करने के लिए मीटिंग का समय आ चुका है और इसके फार्मूले की जानकारी सामने नहीं आने पर कर्मचारी जल्दी बड़ी मांग कर सकते हैं।
मामले में बीएसपी वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष दत्ता का कहना है कि पिछले साल संयंत्र कर्मियों को बोनस दिया गया था। तब प्रबंधन ने आश्वासन दिया था कि अगले साल बोनस को देने के लिए फार्मूला निर्धारित कर लिया जाएगा। प्रबंधन सबसे पहले बोनस वितरण का फार्मूला निर्धारित करें। ताकि आखिरकार कर्मचारियों को पता चले कि उन्हें किस नियम के अनुसार बोनस का भुगतान किया जा रहा ही।