Mann Ki Baat में बोले मोदी – मुझे सत्ता में रहने की शुभकामनायें नहीं दीजिये

Atul Saxena
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नई दिल्ली , डेस्क रिपोर्ट।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मन की बात (Mann Ki Baat) कार्यक्रम के 83 वें एपिसोड में देश को रेडियो के माध्यम से सम्बोधित किया।  प्रधानमंत्री ने आजादी का अमृत महोत्सव, स्टार्ट आप, टेक्नोलॉजी, सेना के शौर्य, शहीदों को नमन जैसी अनेक बातें की।  प्रधानमंत्री ने सरकारी योजनाओं का लाभ लेने वालों से बात की।  इसी दौरान आयुष्मान कार्ड (Ayushman Bharat Card)के लाभार्थी ने जब प्रधानमंत्री को हमेशा सत्ता में बने रहने की शुभकामनाएं दी तो प्रधानमंत्री मोदी ने उससे तत्काल कहा कि आप मुझे ये शुभकामना नहीं दीजिये, मैं सेवा करना चाहता हूँ।

प्रधानमंत्री ने अपने सम्बोधन के दर्जन कहा कि आज हमारे बीच कुछ ऐसे साथी भी जुड़ रहे हैं जिन्होंने अपने हौसलों  से एक नया जीवन जीतकर आये हैं इन्होने आयुष्मान भारत योजना की मदद से अपना इलाज कराया और एक नै जिंदगी की शुरुआत की है।  हमारे पहले साथी हैं राजेश कुमार प्रजापति , जिन्हें हार्ट की समस्या थी, आइये राजेश जी से बात करते हैं।

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प्रधानमंत्री – राजेश जी नमस्ते, आपकी बीमारी क्या थी, किसी डॉक्टर के पास गए होंगे मुझे जरा समझाइये, स्थानीय डॉक्टर के पास गए होंगें फिर किसी दूसरे डॉक्टर के पास गए होंगे।

राजेश प्रजापति – नमस्ते सर, मुझे हार्ट की प्रॉब्लम थी, सीने में जलन होती थी, पहले डॉक्टर ने कहा कि एसिडिटी होगी, काफी दिन इलाज कराया कोई फायदा नहीं हुआ, फिर दूसरे डॉक्टर को दिखया एंजियोग्राफ़ी  में पता चला ब्लॉकेज है, मैंने पूछा कितना खर्चा आएगा, उन्होंने पूछा आयुष्मान कार्ड है तुम्हारे पास, मैंने कहा कि मेरा पूरा इलाज उसी से हुआ है, ये कार्ड गरीबी के लिए बहुत मददगार है।  मैं कैसे आपका धन्यवाद करूँ ?

प्रधानमंत्री – आप करते क्या है राजेश जी, उम्र कितनी है ?

राजेश प्रजापति – सर मैं प्राइवेट जॉब करता हैं और मेरी उम्र 49 साल है।

प्रधानमंत्री – इस योजना के बारे में आपको पता कैसे चला ?

राजेश प्रजापति – सर ये इतनी बड़ी योजना है इससे गरीबों को बहुत बेनिफिट मिला है, मैंने तो हॉस्पिटल में देखा कि आयुष्मान कार्ड से कितनी सहूलियत मिलती है।  जब डॉक्टर से कहते हैं कि कार्ड है तो डॉक्टर कहते हैं लेकर आइये मैं उसी से पूरा इलाज कर दूंगा।

प्रधानमंत्री – यदि कार्ड नहीं होता तो कितना खर्चा आता?

राजेश प्रजापति – सर डॉक्टर ने कहा कि बहुत खर्चा आएगा, लेकिन कार्ड था तो सब फ्री में हो गया, दवाइयां भी आ गई, एक पैसा भी नहीं लगा मेरा।

प्रधानमंत्री – आपकी तबियत ठीक है संतोष है

राजेश प्रजापति – सर आपका बहुत बहुत धन्यवाद, आपकी उम्र इतनी लम्बी हो कि आप हमेशा सत्ता में ही रहें।

प्रधानमंत्री – राजेश जी आप मुझे सत्ता में रहने की शुभकामना मत दीजिये।  मैं आज भी सत्ता में नहीं हूँ, और भविष्य में भी सत्ता में जाना नहीं चाहता हूँ, मैं सिर्फ सेवा में रहना चाहता हूँ , मेरे लिए ये पद, ये प्रधानमंत्री सारी चीजें सत्ता के लिए है हिन् नहीं सेवा के लिए हैं।

 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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