भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (MP) में लापरवाह अधिकारी कर्मचारियों (negligent Employees) पर कार्रवाई का सिलसिला जारी है। दरअसल बीते दिनों देवास जिला कलेक्टर (Dewas collector) द्वारा बड़ी कार्रवाई की गई है। 5 पटवारियों (patwari) को कर्तव्य का सही तरीके से निर्वहन न करने के कारण तत्काल प्रभाव से निलंबित (suspend) कर दिया गया है। वहीं अन्य पर बड़ी कार्रवाई की गई है।
जानकारी के मुताबिक देवास कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला द्वारा अनुशासनहीनता और कार्य में लापरवाही पर 5 पटवारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि कार्य में लापरवाही और अनुशासनहीनता किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी जो भी लापरवाही करेगा उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जानकारी के मुताबिक देवास तहसील के पटवारी अजय दायमा, पटवारी मोनिका कारपेंटर पटवारी अखिलेश मालवीय पटवारी संजय मंडलोई और पटवारी अंकित परमार को निलंबित करने के निर्देश दिए गए हैं। वही गिरदावरी डाटा और सेटेलाइट डाटा में भिन्नता पाए जाने के बाद पटवारियों पर यह कार्रवाई की गई है।
इधर एक अन्य कार्रवाई सतना जिले में की गई है। सतना जिले में खनिज उत्खनन से स्वीकृत अनुज्ञप्ति धारियों से 10 अनुज्ञप्ति धारियों द्वारा खनन कार्य प्रारंभ नहीं करने के कारण उन्हें नोटिस जारी कर दिया गया है। जानकारी के मुताबिक अनिल कलेक्टर अनुराग वर्मा ने निर्देश जारी करते हुए व्यापारिक अनुज्ञप्ति धारियों को खनिज भंडार किए जाने पर कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया। उन्होंने कहा कि शर्तों का उल्लंघन कर खनिज भंडारण किया जा रहा है। जिस पर यह नोटिस जारी की गई है।
कलेक्टर द्वारा ली गई खनिज विभाग समीक्षा बैठक में यह कार्रवाई की गई है। जिसमें 263 व्यापारियों की जांच करवाई गई थी। निरीक्षकों के माध्यम से कराई गई। इस जांच में 132 अनुज्ञप्ति धारी द्वारा शर्तों का उल्लंघन कर खनिज का भंडारण किया जा रहा था। जिसके बाद उन्हें नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।खनिज उत्खनन के स्वीकृत अनुज्ञप्ति धारियों में से 10 अनुज्ञप्ति धारियों द्वारा खनिज कार्य प्रारंभ नहीं करने पर खनिज अनुज्ञप्ति निरस्त करने के भी नोटिस जारी कर दिए गए हैं।
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वहीं एक अन्य कार्रवाई उज्जैन जिले में की गई है। जिसमें नगर निगम आयुक्त अंशुल गुप्ता द्वारा कंट्रोल रूम प्रभारी राजेश तिवारी को निलंबित कर दिया गया है। राजेश तिवारी पर यह कार्रवाई श्रम न्यायालय में गलत गवाही देने के कारण की गई है। गलत गवाही देने के कारण निगम को लाखों रुपए का नुकसान लगाया साथ ही कोर्ट के आदेश से 2 अपात्र लोगों को सरकारी नौकरी देनी पड़ी है। जिसके बाद नगर निगम आयुक्त गुप्ता द्वारा कंट्रोल रूम प्रभारी राजेश तिवारी पर यह कार्रवाई की गई।
जानकारी के मुताबिक उज्जैन निवासी मनसुख और जगदीश उज्जैन नगर निगम में नियम अनुसार कार्यरत नहीं थे लेकिन राजेश तिवारी ने कोर्ट में गवाही दी कि यह दोनों सफाई कर्मचारी थे और उन्होंने पूरी इमानदारी से अपना कार्य किया है। जिसके बाद अदालत द्वारा आदेश में दोनों को निगम में सरकारी नौकरी दी गई। इसके साथ ही निगम की ओर से 2011 से 2016 तक सफाई कामगारों पद का वेतन और एरियर की राशि की 17 लाख रुपए का भुगतान किया गया।
वही गवाही देने के कारण निगम उच्च न्यायालय में अपना पक्ष सही से नहीं रख पाने के कारण मामला लापरवाही और कदाचार से जोड़ा गया है और साथ ही इस पर कार्रवाई की गई है। वहीं वेतन के भुगतान करने से नगर निगम को होने वाले नुकसान की भरपाई भी राजेश तिवारी से की जाएगी। जानकारी की माने तो निगम ने राजेश तिवारी को 15 दिन में 17 लाख रुपए कोषालय में जमा करने के आदेश भी जारी किए हैं। राशि जमा न करने की स्थिति में उन पर वैधानिक कार्रवाई की जा सकती है।
वही कार्रवाई सागर जिले में की गई है जहां जिले में आयुष्मान कार्ड बनाने में लापरवाही के कारण कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी द्वारा 4 सीएमओ की वेतन रोकने के आदेश जारी कर दिए। ग्राम पंचायत के रोजगार सहायकों को भी नोटिस जारी किया गया है। जानकारी के मुताबिक कलेक्टर सूर्यवंशी ने बताया कि आयुष्मान कार्ड बनाने में लापरवाही बरतने पर सभी मुख्य कार्यपालन अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
जिसमें पृथ्वीपुर, निवाड़ी, जेरोन, ओरछा और तरीचरकला शामिल है। जानकारी देते हुए कलेक्टर ने बताया कि जिले में अब तक केवल 1,61,891 कार्ड बनाए गए हैं जबकि 3,00,000 से अधिक कार्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इस पर कलेक्टर ने रोजगार सहायक, सचिव और पटवारी की वेतन निकालने पर रोक लगा दी है। इसके अलावा चार सीएमओ के 1 वर्ष के वेतन वृद्धि रोकने के निर्देश दिए हैं।