भोपाल, डेस्क रिपोर्ट मध्यप्रदेश (MP) में मानदेय घोटाला (honorarium scam) में घोटालेबाजों की लिस्ट बढ़ती जा रही है। दरअसल प्रदेश के अधिकतर जिलों में मानदेय के नाम पर हुए घोटाले पर से पर्दा धीरे-धीरे उठ रहा है। अभी तक भोपाल के आठ बाल विकास परियोजना अधिकारी सहित पांच लिपिक और 94 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया जा चुका है। इसके अलावा दो अधिकारियों की बर्खास्तगी के प्रस्ताव भेजे गए हैं। वही मानदेय घोटाला में अब तक कई ऐसे बैंक खातों की जानकारी सामने आई है, जिनमें घोटाले की राशि जमा कराई गई है।
अभी तक के महिला एवं बाल विकास विभाग (Women and Child Development Department) द्वारा किए गए जांच में जिन लोगों के बैंक खाते की जानकारी सामने आई है। उनकी संख्या लगभग ढाई सौ से अधिक है। विभाग द्वारा कई लोगों के बैंक खाते की जांच से इनकार किया जा रहा है। विभाग का कहना है कि बाहरी व्यक्तियों के बैंक खाते की जांच का जिम्मा उनका नहीं, पुलिस का है।
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जानकारी की मानें तो प्रदेश का हर जिला मानदेय घोटाले की जद में आ चुका है। वहीं मानदेय घोटाले की राशि 26 करोड़ रुपए तक बताई जा रही है। बता दें कि यह घोटाला वर्ष 2014 से 2017 के बीच हुआ है। बता दे प्रदेश में आरोपी द्वारा ग्लोबल बजट से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओ के मानदेय निकाला जा रहा था जबकि वर्ष 2014 में इसका अधिकार जिला परियोजना समन्वयक को दे दिया गया था।
जिला परियोजना समन्वयक द्वारा आए दिन बजट मन से मानदेय निकाले जा रहे थे। वही महीने में दो बार मानदेय निकाला जा रहा था पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को एक ही बार की राशि उपलब्ध कराई जाए। वहीं इस मामले में जानकारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा भी बुलाई गई है। सूत्रों की माने तो 2017 में सामने आए इस मामले में अकेले राजधानी भोपाल में सिर्फ 6 करोड़ रुपए का घोटाला का दावा किया गया है।