भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (MP) के छात्रों (students) के लिए बड़ी खबर है। एमपी बोर्ड (MP Board) में सीबीएसई (CBSE) की तर्ज पर सेमेस्टर प्रणाली (semester system) लागू की जा सकती है। इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। माध्यमिक शिक्षा मंडल (Board of Secondary Education) के सचिव उमेश कुमार सिंह द्वारा नई शिक्षा नीति 2000 (New Education policy 2000) इस बात की तरफ इशारा किया गयाहै। हालांकि अभी तक इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
दरअसल माध्यमिक शिक्षा मंडल की तरफ से नई शिक्षा नीति 2000 को भोपाल के मिंटो हॉल में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। वही माशिमं की तरफ से राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत कौशल विकास पाठ्यक्रम भी तैयार करने की बात कही गई है। दो दिवसीय संगोष्ठी के माध्यम से नई शिक्षा नीति पर कार्ययोजना तैयार की जाएगी। जिसे मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा भी अपनी परीक्षा शैली में लागू किया जाएगा।
परीक्षा न होने की स्थिति में ऐसे होगा परिणाम का मूल्यांकन
वही Corona के नए वेरिएंट के कारण 10वीं और 12वीं के बोर्ड परीक्षा फरवरी में निकलने की संभावना बढ़ गई है। जिसके बाद मंडल द्वारा प्लान भी तैयार किया जा रहा है। माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा ऑफलाइन परीक्षा ना होने की स्थिति में एक और प्लान तैयार कर फार्मूला रिजल्ट के आंतरिक मूल्यांकन की तैयारी की जा रही है। दरअसल यदि परीक्षा नहीं होती है यह किसी कारणवश परीक्षा टलती है तो फार्मूला B का इस्तेमाल कर आंतरिक मूल्यांकन किया जाएगा।
मामले में सचिव उमेश कुमार का कहना है कि साल की शुरुआत में ही बोर्ड के सभी स्कूलों को आंतरिक मूल्यांकन की व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं। एमपी बोर्ड द्वारा ऑफलाइन परीक्षा आयोजित करने की तैयारी पूरी की जा रही है लेकिन अगर स्थिति इसके प्रतिकूल होती है और परीक्षा ना होने की स्थिति में तिमाही, अर्धवार्षिक अंकों के साथ साल भर के मूल्यांकन के आधार पर एमपी बोर्ड 10वीं और 12वीं के परीक्षा परिणाम तैयार किए जाएंगे।
बता दे एमपी बोर्ड में तिमाही और अर्धवार्षिक परीक्षा आयोजित की जा चुकी है। जिस का मूल्यांकन किया जा रहा है इसी कारण बोर्ड ने 9वीं और 11वीं के अंकों के आधार पर फार्मूला रिजल्ट तैयार किया है। जिसके बाद से बोर्ड ने जुलाई में सभी को आंतरिक मूल्यांकन अनिवार्य कर दिया था। प्रश्न पत्र में ऑब्जेक्टिव प्रश्न का प्रतिशत 40% कर दिया गया है। जिसे इसी सत्र से लागू किया गया है। वहीं इससे पहले 25% अंकों के ऑब्जेक्टिव प्रश्न पूछे जाते थे। जिसे स्कूल को बंद किए जाने के बाद यह निर्णय लिया गया है।
ज्ञात हो कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की संभावना के बीच 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा 12 फरवरी से शुरू होकर 20 मार्च तक चलेगी जबकि 12 फरवरी से 31 मार्च तक एमपी बोर्ड 10वीं और 12वीं की प्रायोगिक परीक्षा आयोजित की जाएगी।
वहीं दूसरी तरफ MP Board में भी सीबीएसई की तर्ज पर सेमेस्टर प्रणाली को लागू किया जा सकता है। ऐसा इसलिए ताकि विद्यार्थियों पर परीक्षा का दबाव कम पढ़े। इसके अलावा कोरोना काल में स्कूल बंद को देखते हुए पाठ्यक्रम में 30 फीसद की कटौती की गई है जिसका ब्लूप्रिंट (blueprint) वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है।
वही संगोष्ठी में नई शिक्षा नीति के तहत शिक्षा शैली में क्या बदलाव किया जाए। इस पर बोलते हुए स्कूल शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी ने कहा कि पाठ्यक्रम में बदलाव की प्रक्रिया चल रही है। अन्य राज्यों के विचार विमर्श करने के बाद एमपी बोर्ड जल्द अपने विचार प्रस्तुत करेगा।
Chhatarpur : दुआओं का असर- बोरबेल से सुरक्षित बाहर आई बच्ची, हालत स्थिर
कोरोना की तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए ओपन बुक पद्धति और ऑनलाइन परीक्षा के विकल्प भी मध्य प्रदेश बोर्ड द्वारा तैयार किए जा रहे हैं। बता दे Corona की तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए इस वर्ष मध्य प्रदेश बोर्ड की परीक्षा समय से पूर्व आयोजित की जा रही है।
विचारों की माने तो मध्यप्रदेश में जल्दी बड़े बदलाव हो सकते हैं। जिसने ओपन को पद्धति और ऑनलाइन परीक्षा कराने की संभावना के अलावा वस्तुनिष्ठ प्रश्नों की संख्या अधिक होगी कौशल विकास आधारित शिक्षा पर जोर दिया जाएगा। वही सीबीएसई आधारित 2 सेमेस्टर एमपी बोर्ड में लागू किए जा सकते हैं साथ ही विज्ञान के साथ आर्ट का कोई Subject से विद्यार्थी पढ़ने के लिए स्वतंत्र रहेंगे। कांसेप्ट बेस्ट प्रश्न तैयार किए जाएंगे। 15000 प्रश्नों का एक प्रश्न बैंक तैयार किया जाएगा ऑनलाइन कॉपी जांचने की सुविधा शिक्षकों को उपलब्ध कराई जाएगी।